“रायबरेली जेल में कैदियों द्वारा बनाए गए दीये दिवाली पर स्वदेशी उत्पादों की नई पहल का हिस्सा बने। जेल प्रशासन ने ‘वन जेल वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत दीयों और अन्य वस्तुओं का निर्माण और बिक्री शुरू की।”
रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में जिला जेल प्रशासन ने दिवाली के अवसर पर स्वदेशी उत्पादों के निर्माण की एक नई पहल की है। जेल में बंद कैदी मिट्टी और गोबर से दीये, लालटेन और अन्य उत्पाद बना रहे हैं। इन वस्त्रों को जेल के बाहर लगाए गए बिक्री केंद्रों पर बेचा जा रहा है, जिसमें एक से लेकर पांच सौ रुपये तक के उत्पाद शामिल हैं।
जेल अधीक्षक अमन कुमार सिंह के अनुसार, कैदियों को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) की तर्ज पर मिट्टी से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य कैदियों में आत्मसम्मान और सामाजिक जुड़ाव की भावना बढ़ाना है। इस पहल के तहत “वन जेल वन प्रोडक्ट” (OJOP) के रूप में रायबरेली जेल ने अपनी खास पहचान बना ली है।
इस दिवाली, रायबरेली जेल में बने ये स्वदेशी दीये आयातित चीनी उत्पादों को टक्कर देंगे और अयोध्या के दीपोत्सव में 25 लाख दीयों के लक्ष्य में अपना योगदान देंगे।