जगदलपुर। लंबे समय से अपनी मांगों के लिए आंदोलन में शामिल रहे राज्य संजीवनी कल्याण संघ के कर्मचारियोंं में से पांच को दंतेवाड़ा पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इस बात से नाराज कर्मचारी कल्याण संघ ने एक बैठक बुलाई, जिसमें आगे की रणनीति पर विचार करने की बात कही गई।
संघ पदाधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा में जिन पांच संजीवनी कर्मचारियों को सिटी कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया, उनके घर वालों को इस बारे में कोई सूचना नहीं दी गई। हालांकि जिस वक्त पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, उस वक्त वे ऑन ड्यूटी थे।
उन्हे चलती गाडिय़ों में से उतारकर गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि अपनी जायज मांगों को लेकर किए गए आंदोलन को तोडऩे जीवीके प्रबंधन ने कई प्रकार के हथकंडे अपनाए हैं। दो जून को कर्मचारियों के विरुद्व की गई एफआईआर भी दबाव बनाने की नीयत से करवाई गई थी।
दंतेवाड़ा पुलिस ने गिरफ्तारी के संबंध में जीवीके के कर्मचारियों को सूचना दी थी, लेकिन जीवीके प्रबंधन ने गिरफ्तार हुए लोगों के परिजनों को सूचित करना तक जरूरी नहीं समझा।
राज्य में 108 संजीवनी सेवा की 240 और 102 महतारी सेवा की 300 से अधिक एंबुलेंस चल रही हैं। राज्य पदाधिकारियों ने इस बारे में स्पष्ट कहा है कि यदि जल्द कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो सभी वाहनों के पहिए रोक दिए जाएंगे।
गुरुवार की शाम छह बजे तक की समयसीमा प्रबंधन को दी गई थी, लेकिन जीवीके प्रबंधन की ओर से कोई जवाब नहीं आया। जगदलपुर में गुरुवार की रात कर्मचारियों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
कहा गया कि अपनी जायज मांगों को लेकर संघ ने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन किया था। अब मांगें पूरी करने का आश्वासन मिलने के बाद काम शुरू कर दिया गया। फिर इस तरह की कार्रवाई से संघ पदाधिकारियों में नाराजगी है।
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