तमिलनाडु के 7 मछुआरे दिसंबर 2023 में गुजरात से मछली पकड़ने गए थे और पाकिस्तान की सीमा पार करने के आरोप में जेल में बंद हैं। उनके परिवारों को आर्थिक सहायता नहीं मिली, और वे बेहद कठिनाई का सामना कर रहे हैं।
तमिलनाडु के मछुआरे पाकिस्तान की जेल में बंद, परिवारों को अभी तक राहत नहीं!
चेन्नई- तमिलनाडु के 7 मछुआरे, जो दिसंबर 2023 में गुजरात के बंदरगाह से मछली पकड़ने गए थे, पाकिस्तान की समुद्री सीमा पार करने के आरोप में जेल में बंद हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ये मछुआरे पाकिस्तान की नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए थे और तब से जेल में हैं। इन मछुआरों के परिवार पिछले 11 महीनों से अपने प्रियजनों की रिहाई के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन परिवारों ने कई बार स्थानीय प्रशासन और मछलीपालन विभाग में शिकायत दर्ज कराई है लेकिन अब तक कोई मदद नहीं मिली है।
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ऑल फिशरमेन एसोसिएशन के अध्यक्ष नंजिल रवि ने बताया कि तमिलनाडु के एंटनी राज, अरुलदास, करुणाकरण, अशोक, बालामुरुगन, मुरुगन और राजन इन 7 मछुआरों को पाकिस्तानी नौसेना ने सीमा पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इन मछुआरों के परिवारों का कहना है कि उन्हें अपने बच्चों के लिए दूध खरीदने तक के पैसे नहीं हैं, और उनकी जीवन स्थितियाँ दिन-ब-दिन कठिन होती जा रही हैं।
अरुलदास की पत्नी ने पुलिस और अन्य अधिकारियों के पास कई शिकायतें दर्ज कराई हैं लेकिन 11 महीने बाद भी कोई जवाब नहीं मिला है। ऑल फिशरमेन एसोसिएशन ने केंद्र और राज्य सरकारों से इन मछुआरों की रिहाई के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की है। नंजिल रवि ने यह भी मांग की है कि मुख्यमंत्री की प्रत्यक्ष निगरानी में इन मछुआरों के परिवारों को हर दिन 350 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए।
उन्होंने बताया कि मछुआरे समुद्र में हर महीने 30,000 से 50,000 रुपये तक कमा सकते हैं, लेकिन अब उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। इन मछुआरों की रिहाई के लिए विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान सरकार से भी बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया है।
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रिपोर्ट: मनोज शुक्ल