“उत्तर प्रदेश के कई जिलों में वायु गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है, लखनऊ में AQI 319 तक पहुंचा जबकि नोएडा में 828 AQI दर्ज किया गया। प्रदूषण बढ़ने से सांस की समस्याएं और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ रही हैं। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें विश्ववार्ता।”
लखनऊ, नोएडा और अन्य जिलों में AQI गंभीर स्तर पर
लखनऊ। जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ रही हैं, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। राज्य की राजधानी लखनऊ में लालबाग इलाके का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 319 तक पहुंच गया है, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। नोएडा में प्रदूषण का स्तर और भी चिंताजनक है, जहां AQI 828 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी को दर्शाता है। गाजियाबाद में AQI 405 और मेरठ में 210 तक पहुंच चुका है।
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AQI के इस बढ़ते स्तर के कारण सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च AQI स्तर होने पर सांस की बीमारी से पीड़ित लोग और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। बढ़ते प्रदूषण के चलते उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं भी बढ़ रही हैं, खासकर ऐसे लोग जो अस्थमा या श्वसन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें सावधानी बरतने की जरूरत है।
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण की इस स्थिति में अपने घरों में रहें और बाहर निकलने पर मास्क पहनें। आवश्यक ना हो तो सुबह और शाम के समय बाहर जाने से बचें क्योंकि इस समय वायु गुणवत्ता सबसे खराब होती है। राज्य में बढ़ती वायु गुणवत्ता की समस्या को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने विभिन्न प्रयास शुरू किए हैं, जैसे कि सड़कों पर पानी का छिड़काव, निर्माण कार्यों पर अस्थायी रोक और जागरूकता अभियान। फिर भी, प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए आम जनता से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।
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रिपोर्ट: मनोज शुक्ल