मऊ। आगामी बाढ़ सीजन को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र की अध्यक्षता में फ्लड स्टीयरिंग कमेटी बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को बाढ़ से पहले की तैयारियां समय से पूर्ण करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए।
अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग मनोज सिंह ने बताया कि जनपद में सरयू और टोंस नदियां प्रमुख रूप से बाढ़ प्रभावित करती हैं। इनके तटों पर बने बांधों और कटाव निरोधक कार्यों की निगरानी आवश्यक है। बैठक में महुला गढ़वल, बीबीपुर बेलौली, दोहरीघाट शहर, रसूलपुर इमामुद्दीनपुर, हाहा नाला रिंग बांध और भदेसरा जमींदारी बांध सहित अन्य संवेदनशील स्थानों की समीक्षा की गई।
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फ्लड स्टीयरिंग कमेटी बैठक के दौरान यह भी बताया गया कि 96.370 किमी लंबाई वाले 9 बांध और 571.52 किमी लंबे 97 ड्रेनों की देखरेख आवश्यक है। हाहा नाला रिंग बांध और धर्मपुर बिशनपुर विंटोलिया में कटाव निरोधक कार्य प्रगति पर हैं। जिलाधिकारी ने वर्षा के दौरान जल जमाव से बचने हेतु सभी खंड विकास अधिकारियों और जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए कि जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
अपर जिलाधिकारी सत्यप्रीय सिंह ने आपात स्थिति में संपर्क मार्ग, खाद्य सामग्री, पशु चारा, दवाओं की उपलब्धता, पेयजल, बिजली और सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में जनता को असुविधा न हो, इसके लिए अग्रिम तैयारी जरूरी है।
इस अहम बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत नागर, जिला पंचायत राज अधिकारी अजीत कुमार सिंह, सहायक अभियंता रत्नेश वर्मा, रमेश चंद्र वर्मा, जूनियर इंजीनियर प्रिंस सिंह, श्रीमती सोनी सिंह, अखिलेश यादव, उदय नारायण पाण्डेय एवं प्रदीप कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।