लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने आज गाजीपुर से चुनावी शंखनाद किया। रैली सपा में विलय कर चुके कौमी एकता दल के अंसारी बधु भी उपस्थित रहे। इस दौरान मुलायम सिंह यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर राजनारायण जी को दी श्रद्धांजलि दी।
अफ़जाल अंसारी ने कहा कि जब से नेताजी ने समय दिया तब से लोग मोदी की रैली की तुलना की बात कर रहे थे। आरएसएस के एजेंडे को लागू कर मुसलमानो को धमकाने की कोशिश की जा रही है।
समाजवादी परिवार में कलह के ढेरों कारणों में कौएद का विलय भी था। इस मुद्दे पर रणनीतिकारों में अंतर्विरोध के बावजूद नौ अक्टूबर को कौएद का सपा में विलय हुआ और उसी समय 23 नवंबर को गाजीपुर में रैली का फैसला लिया गया था। ऐसे में गाजीपुर में मुलायम जनसभा पर विश्लेषकों की निगाहें हैं।
पूर्व राष्ट्रीय सचिव राजेश दीक्षित का दावा है कि रैली एतिहासिक होगी। रैली से तय होगा कि पार्टी चुनाव पूर्व किसी दल के साथ गठबंधन करेगी या नहीं करेगी। संभव है कि इस रैली में गठबंधन की राह अभी खुली होने का संकेत भी दिया जाएगा।
इससे पहले के चुनावों में मुलायम सिंह आजमगढ़ से चुनावी रैली का आगाज करते रहे हैं, इस बार भी मुलायम की पहली रैली अक्टूबर में आजमगढ़ में निर्धारित थी, मगर परिवार की रार और जिले के मंत्रियों की कार्यशैली के चलते स्थगित हो गयी थी।
इस रैली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह के साथ प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव और राज्य सरकार के मंत्री, विधायक और सांसद भी मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 नवंबर को गाजीपुर में रैली की थी, उनकी रैली से ज्यादा लोग सपा सुप्रीमो की रैली में जुटेंगे।
यूं तो इस रैली में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जाने का कार्यक्रम पहले भी नहीं था, मगर जिस तरह से परिवार रिश्तों की मर्यादा निभा रहा है, उससे उनके जाने की संभावना भी नहीं थी। सपा प्रवक्ता का कहना है कि रैली में मुख्यमंत्री के जाने का कार्यक्रम नहीं था। राष्ट्रीय व प्रदेश अध्यक्ष रैली में मौजूद रहेंगे।
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