“योगी सरकार ने खरीफ के मौसम में फसल उत्पादकता का वैज्ञानिक तरीके से आकलन करने के लिए क्रॉप कटिंग के प्रयोगों में तेजी लाई है। सीसीई एग्री ऐप और जीसीईएस ऐप के जरिए 2.45 लाख से अधिक प्रयोग पूरे किए जा चुके हैं। पीएमएफबीवाई के तहत किसानों को सही समय पर क्षतिपूर्ति देने के लिए फसल की वास्तविक उत्पादकता का आकलन किया जा रहा है। इस पहल से कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता और विकास को बढ़ावा मिल रहा है।”
लखनऊ। किसानों की आर्थिक स्थिरता और उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार ने खरीफ फसलों की उत्पादकता का वैज्ञानिक और तकनीकी तरीके से आकलनu करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत क्रॉप कटिंग प्रयोग (सीसीई) के माध्यम से फसल उत्पादकता का आकलन किया जा रहा है, जिससे किसानों को उनके फसल नुकसान का सही मुआवजा मिल सके।
सीसीई एग्री ऐप और जीसीईएस ऐप जैसे अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे फसल कटाई की प्रक्रिया और प्रभावी हो रही है। इस साल के खरीफ मौसम में 3 लाख से अधिक क्रॉप कटिंग प्रयोग करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें अब तक 2.45 लाख प्रयोग पूरे हो चुके हैं। इसके अलावा, जीसीईएस ऐप के माध्यम से 11,374 प्रयोग पूरे हो चुके हैं।
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इन ऐप्स के माध्यम से सटीक डेटा प्राप्त किया जाता है, जिससे बीमा कंपनियों को सही जानकारी मिलती है और किसान समय पर क्षतिपूर्ति प्राप्त कर पाते हैं। योगी सरकार ने इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए कृषि विभाग, राजस्व विभाग और बीमा कंपनियों के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित किया है। यह कदम कृषि क्षेत्र में सुधार और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है।
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