महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान त्रिवेणी संगम पर शुरू हो गया। 13 अखाड़ों के नागा साधु तलवार-त्रिशूल और गदा लहराते हुए संगम पहुंचे और डुबकी लगाई। 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इस ऐतिहासिक स्नान को देखने पहुंचे। जानिए इस भव्य आयोजन के बारे में।
महाकुंभ 2024 का पहला अमृत स्नान आज त्रिवेणी संगम पर शुरू हो गया है। इस ऐतिहासिक स्नान में देशभर के 13 प्रमुख अखाड़ों के नागा साधु शामिल हो रहे हैं। सबसे पहले, श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के साधु-संतों ने पवित्र संगम में स्नान किया। इन साधुओं ने अपनी पारंपरिक पोशाक और भस्म-भभूत के साथ तलवारें और त्रिशूल लहराते हुए अमृत स्नान की शुरुआत की।
नागा साधु हाथों में तलवारें और गदा लहराते हुए संगम की ओर बढ़े और घोड़े, ऊंट तथा रथों पर सवार होकर “हर-हर महादेव” का उद्घोष करते हुए संगम पहुंचे। इन साधुओं की भव्य उपस्थिति ने स्नान की महत्ता को और भी विशेष बना दिया। 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इस ऐतिहासिक स्नान को देखने के लिए संगम तट पर पहुंचे हैं।
महाकुंभ के इस पहले अमृत स्नान का महत्व धार्मिक दृष्टि से बहुत बड़ा है, और यह पर्व प्रत्येक श्रद्धालु के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव बन गया है। यह स्नान न केवल धार्मिक क्रियाओं का हिस्सा है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मेलजोल का भी एक प्रतीक है।
इस आयोजन के दौरान तमाम अखाड़ों के साधु संत अपनी तपस्या, साधना और आस्था की शक्ति को प्रदर्शित कर रहे हैं। यह अमृत स्नान भारत की धार्मिक विविधता और समृद्ध परंपरा को भी दर्शाता है।
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