महाकुंभ 2025 प्रयागराज में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा हुआ है। 10 बजे तक संगम में स्नान करने वालों की संख्या 1.38 करोड़ पहुंच चुकी है। जानें इस विशाल धार्मिक आयोजन के बारे में और क्या है महाकुंभ का महत्व।
महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में धूमधाम से हो रहा है और इस समय संगम में श्रद्धालुओं का एक विशाल जनसैलाब देखने को मिल रहा है। महाकुंभ के पहले स्नान के दिन 10 बजे तक संगम में 1.38 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई। यह संख्या महाकुंभ की ऐतिहासिक महिमा को और भी ज्यादा बढ़ाती है, क्योंकि इस तरह का जन सैलाब हर बार एक धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में सामने आता है।
संगम में स्नान करने के लिए श्रद्धालु सुबह से ही अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करते हुए पहुंचे हैं। जैसे-जैसे दिन बढ़ा, संगम के किनारे श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ी और इसके साथ ही श्रद्धा और आस्था की गूंज ने माहौल को और भी पवित्र बना दिया।
महाकुंभ में स्नान करने का महत्व विशेष रूप से धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक है। इसे आस्था और मोक्ष की प्राप्ति का एक साधन माना जाता है। इसके अलावा, महाकुंभ का आयोजन न केवल धार्मिक उद्देश्य से होता है बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है।
महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में हर 12 साल में होता है, और यह पूरी दुनिया से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस महाकुंभ के दौरान विभिन्न धार्मिक आयोजनों, प्रवचन, हवन और अन्य धार्मिक क्रियाओं का भी आयोजन किया जाता है।
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