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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए आदेश पारित करने के बाद घर ध्वस्त करने के खिलाफ याचिका पर दो हफ्ते में जवाब मांगा है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए आदेश पारित करने के बाद घर ध्वस्त करने के खिलाफ याचिका पर दो हफ्ते में जवाब मांगा है।

हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा, बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए क्यों ढहाया घर

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए आदेश पारित करने के बाद घर ध्वस्त करने के खिलाफ याचिका पर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी हलफनामे में बतायें कि किस परिस्थितिवश घर ढहाया गया।

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कोर्ट ने याचिका की अगली सुनवाई की तिथि 18 सितम्बर नियत करते हुए मौके की यथास्थिति कायम रखने का भी निर्देश दिया है। यह आलेख न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने आजमगढ़ के सुनील कुमार की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

याचिका पर अधिवक्ता का कहना है कि 09 जनवरी 2024 को तहसीलदार फूलपुर को धारा 67(5) के अंतर्गत रिपोर्ट दी। जिस पर 22 जुलाई 2024 को अपर कलेक्टर भू राजस्व आजमगढ़ ने घर ढहाने का आदेश दिया। इसके बाद घर ध्वस्त कर दिया गया। इस पूरे मामले में कानूनी प्रक्रिया की अवहेलना की गई है।

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