इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगजनी मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी को जमानत दी, लेकिन विधायकी बहाल नहीं हुई। कोर्ट के फैसले से साफ है कि सीसामऊ में उपचुनाव होगा। इरफान और उनके भाई रिजवान पर आरोप था कि उन्होंने पड़ोसी का घर जलाया।
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगजनी मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी को जमानत देने का फैसला किया, हालांकि, उनकी विधायकी बहाल नहीं होगी। कोर्ट ने साफ किया कि इरफान की जमानत के बावजूद उनकी सजा पर कोई रोक नहीं लगेगी और सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा।
इस फैसले को जस्टिस राजीव गुप्ता और सुरेंद्र सिंह की बेंच ने सुनाया। 7 जून को कानपुर की MP/MLA कोर्ट ने इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी को आगजनी मामले में 7 साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद इरफान की विधायकी समाप्त हो गई थी। इस सजा के खिलाफ इरफान और रिजवान ने हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसमें उन्होंने सजा पर रोक और जमानत की मांग की थी।
सपा विधायक और उनके भाई रिजवान के खिलाफ आगजनी का आरोप
आरोप था कि इरफान और रिजवान ने जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में नजीर फातिमा के अस्थाई घर में आग लगा दी थी, ताकि वे जमीन पर कब्जा कर सकें। इस घटना के बाद नजीर फातिमा ने 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की, और मामला न्यायालय में पहुंचा।
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सरकार की अपील और न्यायालय का अगला कदम
यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में एक अपील दायर की थी, जिसमें 7 साल की सजा को बढ़ाकर उम्रकैद में तब्दील करने की मांग की गई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं दिया है और इस पर सुनवाई आगे जारी रहेगी।
नसीम सोलंकी का बयान: “मेरे विधायक बेकसूर हैं”
नसीम सोलंकी, इरफान की पत्नी, ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि “जनता जान चुकी है कि मेरा विधायक बेकसूर है।” उन्होंने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट तक इस मामले की लड़ाई लड़ेंगे और विधायक की निर्दोषता साबित करेंगे।
इस खबर में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले और सपा विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ आगजनी मामले में न्यायालय की कार्रवाई को विस्तार से बताया गया है।