“उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निवेश बढ़ाने और आर्थिक गतिविधियों को मजबूती देने के लिए बड़ा कदम उठाया। डीएम और कमिश्नर की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में निवेश और सीडी रेशियो की प्रगति शामिल होगी, जिससे अधिकारी प्रदर्शन की कसौटी पर होंगे।“
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निवेश बढ़ाने और राज्य की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। नए फैसले के तहत जिलाधिकारी (डीएम) और मंडलायुक्त (कमिश्नर) की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में उनके कार्यक्षेत्र में हुए निवेश और सीडी रेशियो की प्रगति को शामिल किया जाएगा।
इस नई नीति के अंतर्गत जिन जिलों के डीएम और कमिश्नर बेहतर प्रदर्शन करेंगे और अपने क्षेत्रों में अधिक निवेश आकर्षित करेंगे, उन्हें विशेष ग्रेडिंग और सम्मान प्रदान किया जाएगा। अधिकारियों की एसीआर में यह कदम उनकी जवाबदेही को और बढ़ाएगा, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और राज्य का आर्थिक विकास होगा।
योगी सरकार की निवेश नीति और एग्रीकल्चर सुधार: प्रदेश में आर्थिक स्थिरता बढ़ाने के लिए एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रियल सेक्टर में सुधार हेतु कई बड़े कदम उठाए गए हैं। उत्तर प्रदेश का क्रेडिट डिपॉजिट (सीडी) रेशियो, जो 2017 में 47% था, 2023-24 में 60.32% तक पहुंच गया है। सरकार का लक्ष्य है कि इसे वर्ष के अंत तक 65% किया जाए।
कम सीडी रेशियो वाले जिलों पर फोकस: संभल, अमरोहा जैसे जिलों का सीडी रेशियो सर्वाधिक है, जबकि उन्नाव, बलरामपुर जैसे जिलों का रेशियो कम है। ऐसे जिलों के लिए सरकार विशेष योजनाएं बनाएगी, ताकि वहां आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके।
उत्तर प्रदेश के विकास में प्रशासन की अहम भूमिका: मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि डीएम और कमिश्नर को अपने क्षेत्र में निवेश और रोजगार बढ़ाने के लिए जिम्मेदारी दी गई है, जिससे प्रदेश का विकास हो और युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलें।
मुख्य सचिव द्वारा प्रेस वार्ता में दी गई जानकारी – उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बड़े निर्णय पर मुख्य बिंदु:
डीएम और कमिश्नर की एसीआर में निवेश का उल्लेख:
अब जिलाधिकारी (डीएम) और मंडलायुक्त (कमिश्नर) की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में उनके कार्यक्षेत्र में हुए निवेश की प्रगति और प्रयासों का उल्लेख होगा, जिससे उनकी परफॉर्मेंस का निष्पक्ष मूल्यांकन हो सकेगा।
अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ाने वाला देश का पहला राज्य:
उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बना है, जो डीएम और कमिश्नर की एसीआर में उनके कार्यक्षेत्र में किए गए निवेश को शामिल करेगा, जिससे अधिकारियों की जिम्मेदारी में वृद्धि होगी।
बेहतर प्रदर्शन पर विशेष ग्रेडिंग और सम्मान:
जिन जिलों के डीएम और कमिश्नर बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उन्हें विशेष ग्रेडिंग और सम्मान दिया जाएगा, ताकि अधिकारियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और विकास का माहौल बन सके।
निवेश मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग:
जिलों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए डीएम और कमिश्नर को समय-समय पर अपने प्रयासों की रिपोर्ट बनानी होगी। यह रिपोर्ट निवेशकों को दी गई सुरक्षा, सुविधाओं और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को ध्यान में रखते हुए तैयार की जाएगी।
सीडी रेशियो में सुधार का लक्ष्य:
राज्य का क्रेडिट डिपॉजिट (सीडी) रेशियो वर्ष 2017 में 47% था, जो 2023-24 में 60.32% तक पहुंचा। मुख्यमंत्री का लक्ष्य इसे वित्तीय वर्ष के अंत तक 65% तक लाना है।
एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रियल सेक्टर में सुधार प्रयास:
कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में सुधार के लिए योगी सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं, जिससे राज्य में निवेश का वातावरण अनुकूल बनेगा।
कम सीडी रेशियो वाले जिलों पर विशेष योजनाएं:
उन्नाव, बलरामपुर, श्रावस्ती जैसे जिलों का सीडी रेशियो कम है, इन जिलों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी।
युवाओं के लिए रोजगार सृजन:
मुख्यमंत्री का यह कदम राज्य में रोजगार के नए अवसरों को बढ़ावा देगा, जिससे युवाओं को नौकरी के अधिक मौके मिल सकेंगे।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर ध्यान:
डीएम और कमिश्नर को निवेशकों के लिए लैंड अलॉटमेंट, लैंड यूज चेंज जैसे प्रावधानों का समयबद्ध तरीके से कार्यान्वयन करना होगा, ताकि निवेशकों को सहज और सुविधाजनक माहौल मिले।
जिलों की प्रगति का वार्षिक मूल्यांकन:
हर साल अप्रैल में जिलों का सीडी रेशियो बताया जाएगा, ताकि डीएम और कमिश्नर निवेश को बढ़ाने के लिए अधिक प्रभावी प्रयास कर सकें।