“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए बाबर और औरंगजेब की विचारधारा को खारिज किया। संभल के हालात, सांप्रदायिक घटनाओं और जय श्रीराम नारे पर विस्तृत चर्चा की।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल हिंसा, सांप्रदायिक दंगों में कमी, और संविधान की व्याख्या को लेकर विपक्ष पर तीखे हमले किए। उन्होंने हिंदुत्व, राष्ट्रवाद, और ऐतिहासिक तथ्यों पर जोर देते हुए कहा,
“भारत राम, कृष्ण और बुद्ध की परंपरा से चलेगा, बाबर और औरंगजेब से नहीं।”
संभल की स्थिति पर सीएम का खुलासा
मुख्यमंत्री ने संभल जिले को लेकर कई चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए। उन्होंने बताया कि
- 1947 से अब तक संभल में 209 हिंदुओं की हत्या हुई।
- संभल के दीपासराय और मिया सराय मोहल्लों में बिजली लाइन लॉस 78% और 82% तक है।
- मस्जिदों पर अवैध मिनी पॉवरहाउस चलाए जा रहे हैं।
- योगी ने कहा,
- “जुमे की नमाज के पहले और दौरान जिस प्रकार की तकरीरें दी गईं, उसके बाद संभल का माहौल खराब हुआ।”
- सांप्रदायिक दंगों में ऐतिहासिक कमी
- मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल की तुलना सपा और बसपा सरकारों से करते हुए कहा:
2017 से अब तक सांप्रदायिक दंगों में 97% कमी आई।
- सपा सरकार (2012-2017) के दौरान 815 सांप्रदायिक दंगे हुए, जिनमें 192 लोगों की मौत हुई।
- बसपा सरकार (2007-2011) के दौरान 616 घटनाएं हुईं, जिसमें 121 लोगों की मौत हुई।
जय श्रीराम नारे पर बयान
मुख्यमंत्री ने ‘जय श्रीराम’ नारे को लेकर हो रही राजनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा:
“अगर जय श्रीराम से समस्या है, तो हिंदू भी ‘अल्लाह-ओ-अकबर’ पर आपत्ति जता सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा,
“मैं जय श्रीराम, हर हर महादेव और राधे राधे से अपना जीवन काट सकता हूं, किसी और स्लोगन की आवश्यकता नहीं।”
संविधान की परिभाषा पर जोर
योगी आदित्यनाथ ने कहा,
“संविधान में राम और कृष्ण नजर आएंगे, लेकिन ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवाद’ शब्द नहीं मिलेंगे।”
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे संविधान का गला घोंटकर सत्ता हथियाना चाहते हैं।
बाबरनामा का संदर्भ
- मुख्यमंत्री ने बाबरनामा का हवाला देते हुए कहा कि
- “हरिहर मंदिर तोड़कर एक ढांचा खड़ा किया गया था।”
- उन्होंने इसे हिंदू समाज की आस्था पर हमला बताया।
विपक्ष पर तीखा हमला
- योगी आदित्यनाथ ने कहा,
- “विपक्ष के लोग गन प्वाइंट पर संवैधानिक संस्थाओं से अपनी बात मनवाना चाहते हैं।”
- उन्होंने शफीकुर्रहमान बर्क पर भी निशाना साधते हुए कहा,
- “वे खुद को भारत का नागरिक नहीं, बल्कि बाबर का वंशज कहते थे।”
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल