नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को यहां कहा कि स्वदेशी हस्तशिल्प भारतीय जीवन का एक सुंदर पहलू है। उनकी विभिन्न विधाएं देश की विविधता और रचनात्मकता को दर्शाती हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ये बातें वर्ष 2015 के लिए मास्टर शिल्पकारों को राष्ट्रीय पुरस्कार और शिल्प गुरू पुरस्कार देते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि इन शिल्पकारों की प्रतिभा को सम्मान देकर एवं उन्हें पुरस्कृत कर हम इस क्षेत्र में नवाचार और सृजनात्मकता को बढ़ावा दे रहे हैं।
उन्होंने शिल्पकारों की कला को महत्वपूर्ण पुरस्कारों के माध्यम से बढ़ावा देने के लिए केंद्र के वस्त्र मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि अच्छी गुणवत्ता के उत्पाद आज अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंच रहे हैं।
2015-16 में हस्तशिल्प निर्यात में 16 प्रतिशत की वृद्धि इस क्षेत्र के देश के कुल निर्यात में महत्व को दर्शाती है। इस क्षेत्र की पूरी क्षमता को समझने और घरेलू -अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसे बढ़ावा देने के लिए इन उत्पादों की बेहतर पहुंच बनाने की जरूरत है।
इन उत्पादों के लिए लाभदायक बाजार विकसित करने के लिए आवश्यक नीतिगत समर्थन दिया जाना चाहिए और यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस तरह की गतिविधियों के लिए ऋण आसानी से मिले।
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