जम्मू-कश्मीर में चुनावी नतीजे घोषित होते ही केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा 5 विधायकों को मनोनीत करेंगे। इससे विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 95 हो जाएगी, और बहुमत के लिए आवश्यक आंकड़ा 48 पर पहुंच जाएगा।
यह प्रावधान जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद लागू हुए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 के तहत किया गया है। हालांकि, इस निर्णय को लेकर विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया है। पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने इसे धांधली करार देते हुए सवाल उठाया कि अगर विधायकों को मनोनीत करना था, तो फिर चुनाव कराने की आवश्यकता ही क्या थी?
यह मुद्दा राजनीतिक गलियारों में गरमा गया है, खासकर जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति और नए राजनीतिक बदलावों को लेकर।
also read :पाकिस्तान ने दो खिलाड़ी को टीम से किया बाहर