नई दिल्ली। जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु में एआईएडीएमके के मंत्री शशिकला पर पार्टी संभालने का दबाव बना रहे हैं।
जिसके बाद जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार ने इसे बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इस दौरान उन्होंने राजनीति में आने का संकेत भी दिया है।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, जयललिता की भतीजी ने दीपा जयकुमार ने कहा है कि ‘अगर शशिकला पार्टी की कमान संभालेंगी तो इससे असंतोष भड़क सकता है, निश्चित तौर पर लोग इसके पक्ष में नहीं हैं। यह गलत है कि मेरी बुआ (जयललिता) ने शशिकला या उनके किसी रिश्तेदार को उत्तराधिकारी घोषित किया था।’
राजनीति में आने के संकेत-
दरअसल दीपा जयललिता के बड़े भाई जयकुमार की बेटी हैं। जयकुमार का भी निधन हो चुका है। राजनीति में आने के सवाल पर दीपा ने कहा, ‘अगर मौका है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है, इसके लिए रास्ते तलाश रही हूं। राजनीति में आना पसंद करूंगी।’ उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी में बेहतर यही है कि इसे लोगों पर छोड़ दिया जाए, पार्टी इस पर ध्यान दे और फ्यूचर के बारे में सोचे।
शशिकला को उत्तराधिकारी बनाए जाने पर उठाए सवाल
दीपा कुमार ने शशिकला को जयललिता की उत्तराधिकारी बनाए जाने के दावे को खारिज किया। उन्होंने कहा कि बुआ के पीठ पीछे शशिकला ने बहुत कुछ किया।
शशिकला के समर्थन में पन्नीरसेल्वम
राज्य के नए मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने एआईएडीएमके के जनरल सेक्रेटरी पोस्ट के लिए शशिकला का समर्थन किया है। सीएम ने कहा है कि जयललिता के निधन के बाद केवल शशिकला ही इस शून्यता को भर सकती हैं।
कौन हैं शशिकला-
जयललिता ने 2011 में शशिकला को पार्टी से निकाल दिया था। उन पर (शशिकला) और उनके परिवार के लोगों पर जयललिता के खिलाफ साजिश करने के आरोप लगे थे। बाद में उन्हें फिर से एआईएडीएमके में शामिल कर लिया गया था, लेकिन परिवार के सदस्य के रूप में शामिल नहीं किया गया।