प्रयागराज। जाम्बिया के यसबड विश्वविद्यालय लुसाका ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव को कानून में मानद डॉक्टरेट पीएचडी से सम्मानित किया है। शेखर कुमार यादव वर्ष 1988 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विधि स्नातक होने के बाद आठ सितम्बर 1990 को अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सिविल व संवैधानिक मामलों में प्रैक्टिस शुरू की। उन्होंने हाईकोर्ट में राज्य सरकार के अपर शासकीय अधिवक्ता और स्थायी अधिवक्ता, केंद्र सरकार के स्थायी अधिवक्ता व रेलवे के वरिष्ठ अधिवक्ता के पद पर भी कार्य किया। इसके अलावा पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के अधिवक्ता भी रहे। 12 दिसम्बर 2019 को उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के अपर न्यायाधीश पद की शपथ ली और 26 मार्च 2021 को स्थायी न्यायाधीश बने।
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पांच वर्षों से अधिक समय में उन्होंने हिन्दी में हजारों निर्णय दिए हैं। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के उनके उल्लेखनीय निर्णय में कहा गया कि गाय एकमात्र ऐसा पशु है जो ऑक्सीजन छोड़ती है। उन्होंने गोरक्षा को मौलिक अधिकार भी करार दिया। हाल ही में ब्रिटिश संसद हाउस ऑफ लार्ड्स को सम्बोधित किया। उन्होंने न केवल भारतीय संविधान बल्कि विश्व एवं अंतरराष्ट्रीय न्याय के क्षेत्र में उत्कृष्ट ज्ञान के साथ बहुत ही समझदारी और विविधतापूर्ण कार्य किए हैं। इसीलिए जाम्बिया के यसबुड विश्वविद्यालय लुसाका की गवर्निंग काउंसिल की सिफारिश पर उन्हें कानून में मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी गई है।