वाराणसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के धर्म जागरण प्रमुख अभय कुमार ने शनिवार को कहा कि भाषा सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं है, यह संस्कारों की संवाहिका है। इसके जरिए उपजे हर शब्द अन्तर्निहित अर्थों के साथ पहुंचने वाले तक को आनंदित करती है। इसीलिए आवश्यक है कि हम भाषा को संस्कारों के तौर पर अपने तरुण और व्यस्क साथियों के साथ जोड़ने के लिए लगातार प्रयास करें।
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श्री काशी विश्वनाथ धाम के त्रियंबकेश्वर सभागार में आयोजित भाषाई कला संगम 2024 को बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम मूलतः भाषा का है, हिंदी भाषा का है। भारत में ही हिंदी भाषा का कार्यक्रम होना विचारणीय प्रश्न है। इसके पीछे जरूर दिक्कत है क्योंकि हम अपनों को अपनी ही भाषा के प्रयोग आदि के लिए बारम्बर बोलना पड़े तो समाधान खोजना आवश्यक हो जाता है।
संघ के वरिष्ठ प्रचारक अभय कुमार ने कहा कि आप भारत के जिस भी भाग के रहने वाले हैं वहां की मूल भौगोलिक भाषा का अपने घर में उपयोग करते रहें, तभी देश से आपका और आपकी आने वाली पुश्तों का जुड़ाव सुनिश्चित हो सकेगा। आज के इस कार्यक्रम के तहत हम प्रण करें की अपनी मौकिल भाषा या बोली का उपयोग हम लगातार करते रहेंगे, अन्यथा ऐसे कार्यक्रम होते रहेंगे और भविष्य में भी हम यूं ही लोगों को उद्वेलित करते रह जाएंगे।
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