“राहुल गांधी और मनमोहन सिंह के बीच का गहरा रिश्ता उनके अंतिम संस्कार में भावुक पल के रूप में सामने आया। राहुल ने अपने राजनीतिक गुरु को नम आंखों से विदा किया।”
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के आज निगमबोध घाट पर हुए अंतिम संस्कार में राहुल गांधी का भावुक होना उनके और मनमोहन सिंह के बीच के गहरे रिश्ते को दर्शाता है। राहुल गांधी ने न केवल मनमोहन सिंह को एक वरिष्ठ नेता के रूप में देखा, बल्कि उन्हें अपना राजनीतिक मार्गदर्शक और आदर्श भी माना।
मनमोहन सिंह, जो 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे, ने हमेशा अपने शांत स्वभाव और सटीक निर्णयों से राजनीति में एक अलग छवि बनाई। उनके प्रधानमंत्री रहते राहुल गांधी पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाने लगे थे। इस दौरान मनमोहन सिंह ने राहुल गांधी को कई महत्वपूर्ण राजनीतिक सबक सिखाए।

राजनीतिक गुरु-शिष्य का रिश्ता
राहुल गांधी ने कई बार सार्वजनिक मंचों पर मनमोहन सिंह की नीतियों और उनके नेतृत्व की प्रशंसा की। वह अक्सर कहते थे कि “डॉ. मनमोहन सिंह ने राजनीति में धैर्य और दूरदर्शिता का पाठ पढ़ाया।”
मनमोहन सिंह की विनम्रता और दृढ़ता राहुल गांधी को हमेशा प्रेरित करती रही। 2019 के एक साक्षात्कार में राहुल ने कहा था, “मनमोहन सिंह जैसे नेता राजनीति में दुर्लभ हैं। उन्होंने मुझे सिखाया कि आलोचना के बीच भी धैर्य और ईमानदारी बनाए रखना कितना जरूरी है।”

भावुक विदाई
निगमबोध घाट पर राहुल गांधी ने जब मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को देखा तो उनकी आंखें भर आईं। वह खुद को संभाल नहीं सके और रो पड़े। इस दौरान प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें ढांढस बंधाया। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो ने राहुल और मनमोहन के बीच के रिश्ते की गहराई को और उजागर कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं ने भी मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदान को याद किया, लेकिन राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सबसे ज्यादा चर्चा में रही।

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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल
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