लखनऊ। भारत की रक्षा क्षमता को नई ऊंचाई देने जा रही है लखनऊ ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट, जिसका उद्घाटन आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। इस यूनिट में भविष्य की सबसे घातक मानी जा रही ब्रह्मोस-एनजी मिसाइल (BrahMos-NG) का निर्माण होगा। यह मिसाइल दुश्मनों के सैन्य ठिकानों को पलक झपकते तबाह करने की ताकत रखती है।
ब्रह्मोस मिसाइल का यह नया वर्जन — ‘ब्रह्मोस-नेक्स्ट जनरेशन (NG)‘ — हल्का, तेज़ और अत्यधिक मारक क्षमता से लैस होगा। इसे थलसेना, नौसेना और वायुसेना, तीनों के उपयोग के लिए तैयार किया जा रहा है। लखनऊ में इसका उत्पादन शुरू होने से उत्तर भारत को रक्षा उत्पादन का नया हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
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इस यूनिट की स्थापना उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के अंतर्गत हुई है, जिससे हजारों युवाओं को रोज़गार मिलने की संभावना है। यह यूनिट न केवल मिसाइलों का निर्माण करेगी, बल्कि इनकी टेस्टिंग, इंटीग्रेशन और सप्लाई चेन को भी मजबूत बनाएगी।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस के साथ संयुक्त रूप से विकसित की गई ब्रह्मोस मिसाइल दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों में गिनी जाती है। ब्रह्मोस-NG की रेंज 300 किलोमीटर तक होगी और इसे फाइटर जेट, जमीन और समुद्र से दागा जा सकेगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जो लखनऊ से सांसद भी हैं, के मुताबिक इस यूनिट से न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूती मिलेगी।
इस मौके पर DRDO के प्रमुख वैज्ञानिक, सेना के वरिष्ठ अधिकारी और राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। यूनिट के उद्घाटन के साथ ही भारत की रक्षा ताकत में एक और स्वदेशी कदम जुड़ जाएगा।
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