काठमांडू। नेपाल में संविधान संशोधन बिल के जरिये मधेशियों को मनाने के प्रयास किए गए थे।
लेकिन मधेशी मोर्चा ने इस बिल का समर्थन नहीं किया। इस बिल के विरोध में दूसरे दिन भी बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए।
संयुक्त लोकतांत्रिक मधेशी मोर्चा और संघीय समाजवादी फोरम-नेपाल संसद में पंजीकृत कराए गए संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन नहीं कर सकते।
सरकार ने संविधान संशोधन बिल को पंजीकृत कराकर भारी भूल की है। इसमें मधेशियों की मांगों को पूरा नहीं किया गया है। जातीय समूहों को जनसंख्या के आधार प्रतिनिधित्व दिए जाने का इस बिल में जिक्र नहीं है।
मोर्चा जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व, नागरिकता और मातृभाषा को मान्यता देने की मांग कर रहा है। बिल में मधेशियों की मांग अनुसार अलग प्रांत के गठन को लेकर भी सरकार विरोधी प्रदर्शन किए गए। सरकार जब तक बिल वापस नहीं लेगी संघर्ष समिति का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।