नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मणिपुर हिंसा की जांच कर रहे आयोग को रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समयसीमा बढ़ाकर 20 मई 2025 कर दी है। इस हिंसा में अब तक कम से कम 258 लोगों की मौत हो चुकी है।
गुवाहाटी हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा की अध्यक्षता में गठित इस आयोग में सेवानिवृत्त आईएएस हिमांशु शेखर दास और पूर्व आईपीएस आलोक प्रभाकर भी शामिल हैं। आयोग को विभिन्न समुदायों के बीच हुई हिंसा और दंगों की जांच का दायित्व सौंपा गया है।
तीन बच्चों की हत्या मामले की जांच तेज
जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों की निर्मम हत्या के मामले में राज्य महिला आयोग (एमएससीडब्ल्यू) ने तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है।
वहीं, मणिपुर हाई कोर्ट ने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए चार सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।
लापता व्यक्ति की तलाश में हाई-टेक प्रयास
25 नवंबर को लीमाखोंग कैंप से लापता 56 वर्षीय लैशराम की तलाश के लिए सेना और पुलिस हेलीकॉप्टर, ड्रोन और ट्रैकर कुत्तों का इस्तेमाल कर रही है। आधुनिक तकनीक के बावजूद अभी तक उनका पता नहीं चल सका है।
सार्वजनिक परिवहन सेवा फिर शुरू होगी
मणिपुर सरकार ने इंफाल से पहाड़ी जिलों तक अंतर जिला बस सेवा कड़ी सुरक्षा के बीच फिर शुरू करने का निर्णय लिया है। घाटी के मैतेयी समुदाय और पहाड़ी क्षेत्रों की कुकी जनजातियों के बीच झड़पों के कारण यह सेवा 19 महीनों से बाधित थी। प्रशासन ने इसे बहाल करने के लिए यह दूसरी कोशिश की है।