नेपाल बॉर्डर मदरसा कार्रवाई को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार का बुलडोजर एक्शन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, पीलीभीत और महाराजगंज जैसे सीमावर्ती जिलों में प्रशासन ने अवैध कब्जों और धार्मिक स्थलों पर एक के बाद एक कार्रवाइयां तेज कर दी हैं।
बलरामपुर जिले में 20 मदरसों की पहचान कर ली गई है, जिन पर जल्द ही विधिक कार्यवाही होनी है। वहीं, सिद्धार्थनगर में 17 मदरसों पर पहले ही प्रशासनिक कार्रवाई शुरू की जा चुकी है। इसी क्रम में बहराइच में 143 अवैध अतिक्रमणों को हटाया गया है, जो एक बड़ा आंकड़ा माना जा रहा है।
श्रावस्ती जिले में प्रशासन ने 53 मदरसों को सील कर दिया है, जो नियमों का पालन न करने के चलते दोषी पाए गए थे। महाराजगंज में 34 अवैध मदरसे चिन्हित किए गए, जिनमें से दो को ढहा दिया गया है। ये कार्रवाई स्थानीय पुलिस, जिला प्रशासन और खुफिया एजेंसियों के संयुक्त ऑपरेशन के तहत की जा रही है।
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बताया जा रहा है कि नेपाल बॉर्डर से सटे इन जिलों में कई धार्मिक शिक्षा संस्थान बिना अनुमति, मान्यता या भूमि रिकॉर्ड के संचालित हो रहे थे। सरकार का मानना है कि यह कार्रवाई सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद अहम है।
नेपाल बॉर्डर मदरसा कार्रवाई को लेकर राजनीतिक हलकों में भी हलचल है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह पूरी तरह से कानून के दायरे में की जा रही नियमित प्रक्रिया है।
प्रशासन का यह अभियान आने वाले दिनों में और भी सख्त हो सकता है। स्थानीय जनता में इस कार्रवाई को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं, जहां कुछ इसे कानून-व्यवस्था की बहाली मान रहे हैं, वहीं कुछ वर्गों में चिंता भी जताई जा रही है।
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