उत्तर भारत आंधी बारिश तबाही ने शुक्रवार सुबह पूरे उत्तर भारत को झकझोर कर रख दिया। दिल्ली, एनसीआर समेत कई राज्यों में तेज़ आंधी और मूसलधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। आधी रात से शुरू हुआ मौसम का यह तांडव सुबह तक जारी रहा, जिससे कई जगह पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए, घरों को नुकसान पहुंचा और सड़कें जलमग्न हो गईं।
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में रात 2:30 बजे से सुबह 8:30 बजे तक 77 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो मई माह में 1901 के बाद किसी एक दिन की दूसरी सबसे ज़्यादा वर्षा है। इस रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने राजधानी में जनजीवन थाम दिया।
दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में जलभराव के कारण यातायात ठप रहा। ऑफिस जाने वाले लोगों को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ा। मेट्रो स्टेशन और अंडरपास भी पानी से भरे मिले।
इस तेज़ बारिश और तूफानी हवाओं के चलते वर्षा जनित हादसों में आठ लोगों की मौत हुई है। एक बेहद दर्दनाक घटना में एक मां और उसके तीन बच्चों की जान चली गई। हादसे ज्यादातर दीवार या घर गिरने और बिजली गिरने से हुए।
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बिजली आपूर्ति पर भी इस तूफान ने बुरा असर डाला। कई जगह खंभे गिरने से लाइनें बाधित हुईं और घंटों तक अंधेरा पसरा रहा। सैकड़ों पेड़ सड़कों पर गिर गए, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था और भी चरमरा गई।
उत्तर भारत आंधी बारिश तबाही को लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों में भी कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और तेज़ हवाएं चल सकती हैं। लोगों को घर से बाहर निकलते समय सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है, लेकिन लोगों को अभी भी बिजली, पानी और यातायात की समस्या से जूझना पड़ रहा है। इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बदलता मौसम किस तरह अचानक कहर बन सकता है।