नई दिल्ली। भारत ने ओडिशा के तट से सोमवार को परमाणु क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया। इसकी रेंज करीब 6000 किलोमीटर तक है।
अग्नि-5 की जद में पाकिस्तान, चीन और यूरोप समेत आधी दुनिया है। अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन के बाद भारत इंटरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) बनाने वाला 5वां देश है। अग्नि-5 का ये चौथा परीक्षण है।
अग्नि-5 अग्नि सीरीज की मिसाइलें हैं। जिसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने विकसित किया है। पृथ्वी और धनुष जैसी कम दूरी तक मारे करने में सक्षम मिसाइलों के अलावा भारत के बेड़े में अग्नि-1, अग्नि-2 और अग्नि-3 मिसाइलें हैं। इन्हें पाकिस्तान को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।अग्नि-4 और अग्नि-5 मिसाइलों को चीन को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
अग्नि-5 मिसाइल की ऊंचाई 17 मीटर और व्यास 2 मीटर है। इसका वजन 50 टन और यह डेढ़ टन तक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इसकी स्पीड ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा है। इसका परीक्षण जनवरी 2015 में किया गया था। इसमें तकनीकी खामियां सामने आई थीं, जिन्हें दूर कर लिया गया है।
यह एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक मार करने में सक्षम है। इस मिसाइल का मारक क्षमता 5500 से 8000 किमी तक है। अग्नि पांच मिसाइल परमाणु क्षमता से युक्त है। इस मिसाइल के जरिए 1500 किग्राम विस्फोटक ले जाया जा सकता है।
सेना अग्नि एक, दो और तीन को इस्तेमाल कर रही है। अग्नि 5 मिसाइल को यदि वास्तविक नियंत्रण रेखा के बेहद करीब से छोड़ा जाए, तो यह चीन के उत्तरी भाग तक प्रहार करने में सक्षम हो जाएगी। अग्नि 5 को सेना में शामिल करने में अभी कुछ वर्ष का समय लगेगा।
इससे पहले जनवरी 2015 में ओडिशा तट के पास व्हीलर द्वीप से भारत की इस सबसे ताकतवर सामरिक मिसाइल का परीक्षण किया गया था। यह मिसाइल पांच हजार किमी से अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम है। 50 टन वाली यह देश की पहली अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है। जिसका कैनिस्टर संस्करण में पहली बार परीक्षण किया गया। 3 चरणों वाली इस मिसाइल की यह तीसरी टेस्ट फायरिंग थी।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal