सिद्धार्थनगर। सीबीएसई स्कूलों में अगले सत्र से 10वीं की बोर्ड परीक्षा अनिवार्य होगी। केंद्रीय मानव
संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को यह स्पष्ट किया कि बिना परीक्षा के कोई विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रवेश नहीं पाएगा।
बता दें कि अब तक सीबीएसई में 10वीं के बच्चों के लिए बोर्ड परीक्षा ऑप्सनल है। वह अपनी इच्छा से इसमें शामिल हो सकते हैं या फिर होम एग्जाम दे सकते हैं।
यहां केंद्रीय विद्यालय के शिलान्यास के बाद जेल रोड पर हुई जनसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री ने सबको शिक्षा-अच्छी शिक्षा का नारा दिया।
आरटीई में संशोधन कर 5वीं और 8वीं में भी बोर्ड परीक्षा लागू करने के भी संकेत दिए।
हालांकि यह अधिकार राज्यों के पास रहेगा कि वह इसे किस तरह लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि वह बच्चों पर परीक्षा का बोझ लादने के पक्षधर में नहीं हैं, लेकिन उन्हें कुछ चुनौती देनी होगी, तभी वह आगे बढ़ेंगे। सीबीएसई में 10वीं बोर्ड की फिर से शुरुआत इसी की कड़ी है। अब देश कौशल के आधार पर आगे बढ़ेगा।
सरकार अगले तीन माह में लर्निंग ऑउट ऑफ टर्म्स लाने जा रही है, जो मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में क्रांति लाएगी। शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षक व्रत लेकर बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का दायित्व निभाएं।
बच्चों में कमी नहीं है, कमी हमारी इच्छा में है। शिक्षक-अभिभावक, अफसर-कर्मचारियों की टीम मिलकर काम करेगी तो जीत हमारी ही होगी। नोटबंदी को नई शुरुआत करार देते हुए कहा कि यह परिवर्तन का दौर है।
पीएम ने कालेधन पर ऐसा प्रहार किया है कि पीढ़ियों तक परिवर्तन होगा। हर गरीब पीएम के साथ हैं, तकलीफ सिर्फ कालाधन वालों को है।उन्होंने गौतम बुद्ध की भूमि पर भव्य केंद्रीय विद्यालय के लिए 20 करोड़ रुपये देने का ऐलान करते हुए 18 माह बाद उद्घाटन का भी टाइम तय कर दिया।
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