बीजिंग। एनएसजी की इस सप्ताह विएना में होने वाली बैठक से पहले चीन ने कहा कि भारत की सदस्यता की दावेदारी को लेकर उसके रुख में ‘‘कोई परिवर्तन’’ नहीं हुआ है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने भारत और चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की गत चार नवंबर को हैदराबाद में हुई बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि चीन भारत सहित संबंधित पक्षों के साथ नजदीकी संपर्क में है और इस मुद्दे पर रचनात्मक बातचीत और समन्वय कर रहा है।
मीडिया की खबरों के अनुसार उस बैठक में समूह उन नए सदस्यों को शामिल करने के दो चरणीय प्रक्रिया पर चर्चा कर सकता है जिन्होंने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। चीन ने गत सप्ताह भारत के साथ एनएसजी में उसके प्रवेश को लेकर दूसरे दौर की वार्ता के बाद कहा था कि वह पहले उन सभी देशों को शामिल करने पर एक हल का प्रयास करेगा जिन्होंने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किया है और उसके बाद भारत के विशिष्ट आवेदन पर चर्चा करेगा। चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा था, ‘‘एनएसजी में भारत के शामिल होने पर मैं आपको कह सकती हूं कि चीन का रुख बहुत ही स्पष्ट और पहले वाला ही है।’’
इस मुद्दे पर संयुक्त सचिव अमनदीप सिंह गिल और उनके चीनी समकक्ष वांग कुन के बीच यहां 31 अक्तूबर को हुई बातचीत के दौरान भी चर्चा हुई थी। वह बैठक डोभाल और यांग के बीच हैदराबाद में होने वाली बैठक से पहले हुई थी। चीन साथ ही पाकिस्तान के एनएसजी में प्रवेश को लेकर भी बातचीत कर रहा है।