प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी साझा की। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए। यह कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री श्री @narendramodi ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी।” इस मुलाकात की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा की गईं, जिसमें दोनों नेताओं को गंभीर चर्चा करते हुए देखा जा सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के नौ ठिकानों को निशाना बनाया। इन ठिकानों में प्रशिक्षण केंद्र और मुख्यालय शामिल थे, जहां से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बनाई जाती थी। सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई “सटीक, मापी गई और गैर-उत्तेजक” थी, और केवल आतंकवादी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया।
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प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऑपरेशन को “गौरव का क्षण” बताया और सेना की “उत्कृष्ट योजना और निष्पादन” की सराहना की। उन्होंने कहा, “देश की जनता हमारी ओर देख रही थी, और हम अपनी सेना पर गर्व करते हैं।” इसके साथ ही, उन्होंने कैबिनेट बैठक में भी इस ऑपरेशन की सफलता पर चर्चा की और सभी मंत्रियों ने सेना की वीरता को सलाम किया।
इस कार्रवाई के बाद देशभर में सेना के प्रति सम्मान और गर्व की भावना देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर हैशटैग #OperationSindoor और #IndiaStrikesBack ट्रेंड कर रहा है। विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी सेना की कार्रवाई का समर्थन करते हुए एक स्वर में आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम को सराहा है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह ऑपरेशन न सिर्फ एक जवाबी हमला है, बल्कि यह पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश भी देता है कि भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। साथ ही यह भी साबित करता है कि भारत अब “पहले हमला झेलो, फिर सोचो” की नीति से निकलकर सक्रिय रक्षात्मक रणनीति अपना चुका है।