Sunday , July 13 2025

गुलाम नबी आजाद के गांव में डॉ. जितेंद्र सिंह ने बनवाया डाकघर

मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र सरकार में कई अहम विभागों के मंत्री रहे गुलाम नबी आजाद के पैतृक गांव गंदोह (डोडा) में आजादी के 70 वर्षों के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के प्रयासों की बदौलत डाकघर खुला। इस बात की जानकारी बुधवार को जम्मू में डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी। अपने संसदीय क्षेत्र में विकास का लेखाजोखा देते हुए उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार में 20 साल तक मंत्रिपदों पर रहे व इस समय राज्यसभा में विपक्ष के नेता के अपने गांव में डाकघर तक नहीं था। वह इस इलाके के सांसद भी रहे थे। अब भाजपा के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता के गांव में लोगों को डाकघर मिला है।

मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र सरकार में कई अहम विभागों के मंत्री रहे गुलाम नबी आजाद के पैतृक गांव गंदोह (डोडा) में आजादी के 70 वर्षों के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के प्रयासों की बदौलत डाकघर खुला। इस बात की जानकारी बुधवार को जम्मू में डॉ. जितेंद्र …

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मिलावट करने वाले एक हजार फरार अभियुक्तों का पासपोर्ट होगा निरस्त

विविध खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ अहमदाबाद महानगरपालिका ने मुकदमा दायर करवाया है। ये मुकदमे कई वर्षों से चल रहे हैं। ऐसे एक हजार मामले सामने आए हैं जिनमें आरोपित न्यायालयों मे हाजिर ही नहीं होते। कई ऐसे वाकयात भी हैं जिसमे फैसले के बाद अभियुक्त फरार हैं। अब इन पर कोर्ट नकेल कसने की तैयारी कर रहा है। अहमदाबाद मनपा ने मिठाई, नमकीन, फूड पार्लर, होटल रेस्टोरेंट, किराना के व्यापारी तथा दूध की डेयरियों से नमूने एकत्र कर न्यायालयों में मुकदमा दर्ज करवाया था। अब 15-15 वर्षों के बाद भी ये व्यापारी लापता हैं। कईं तो एसे भी हैं जिन्हें समन ही नहीं मिलता। मनपा के हेल्थ विभाग ने कई बार इसकी घोषणाओं के बाद भी कोई हाजिर ही नहीं हुआ। इन सब बाबतों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने इन सब के पासपोर्ट निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए पासपोर्ट ऑथोरिटी को भी सूचित कर दिया गया है। कोर्ट में एसे 700 मामले हैं जिनमें कुल 1000 व्यापारियों के खिलाफ आरोप हैं। कोर्ट ने इन सभी को फरार घेषित कर इनकी सूची भी कोर्ट को भेज दी है। इन्हें कैद और जुर्माना की सजा भी हो चुकी है। यदि इनके पास पासपोर्ट है तो उन्हें निरस्त कर दिया जाए।

विविध खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ अहमदाबाद महानगरपालिका ने मुकदमा दायर करवाया है। ये मुकदमे कई वर्षों से चल रहे हैं। ऐसे एक हजार मामले सामने आए हैं जिनमें आरोपित न्यायालयों मे हाजिर ही नहीं होते। कई ऐसे वाकयात भी हैं जिसमे फैसले के बाद अभियुक्त फरार …

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गुजरातः सेना के रिटायर्ड जवानों ने किया प्रदर्शन, शराब की परमिट में छूट की मांग

राज्य सरकार के लीकर परमिट के नियमों में परिवर्तन कर उन्हें सख्त बनाने के खिलाफ सेना के सेवा निवृत जवानों ने राजधानी गांधीनगर के सत्याग्रह छावनी में विरोध प्रदर्शन कर उसमें छूट की मांग की है। भारी तादाद में आए इन जवानों ने कहा कि शराब उनके लिए टानिक का काम करता है। इसलिए इसकी शर्तों में छूट होनी चाहिए। इन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे 22 जुलाई को गांधीनगर में शक्ति प्रदर्शन करेंगे। सेना के जवानों ने 15 दिन व्यसन मुक्ति केंद्र में रहने और तीन डॉक्टरों की पैनल द्वारा यूनिट निर्धारण का विरोध किया है। सेना के इन जवानों का कहना है कि शराब इनके लिए टानिक है, व्यसन नहीं है। इसलिए इन्हें विविध नियमों से छूटछाट मिलना चाहिए। भूतपूर्व सैन्य शक्ति एकता नामक संगठन द्वारा किए गए इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले अशोक परमार ने बताया कि पूर्व सैनिकों को सरकार द्वारा किए गए विविध निर्णय मंजूर नहीं है। सेना के ये जवान विविध मोर्चों पर रहकर शराब का सेवन करते हैं। उनके लिए यह दारू नहीं परन्तु दवा का काम करती है। इसलिए सरकार का इसप्रकार का निर्णय सेना के पूर्व जवानों पर लागू नहीं होना चाहिए। संगठन ने इसके लिए सरकार को एक महीने का समय दिया है। यदि सरकार इस दौरान निर्णय नहीं करेगी तो 22 जुलाई को राजधानी गांधीनगर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा।

राज्य सरकार के लीकर परमिट के नियमों में परिवर्तन कर उन्हें सख्त बनाने के खिलाफ सेना के सेवा निवृत जवानों ने राजधानी गांधीनगर के सत्याग्रह छावनी में विरोध प्रदर्शन कर उसमें छूट की मांग की है। भारी तादाद में आए इन जवानों ने कहा कि शराब उनके लिए टानिक का …

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आज का राशिफल, 21 जून गुरुवार: आज है जन्मदिन तो आपकी जिंदगी में आएंगे बड़े बदलाव

आज का राशिफल में गुरूजी पवन सिन्हा बता रहे हैं अगर 21 जून (गुरुवार) को आपका जन्मदिन है तो आपके आने वाले 12 महीने बहुत अच्छे हैं. जमकर मेहनत करें और अच्छे से कार्य करे. पिछले साल के रुके हुए कार्य भी आगे बढ़ेंगे. जीवन में सुखद परिवर्तन होता दिख रहा है. मित्रता और स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहना होगा. महीने भर रोजाना एक मुट्टी आटा और चीनी निकालकर रख दें. आज है जन्मदिन तो कैसा होगा साल? -आने वाले 12 महीने बहुत अच्छे हैं. -जमकर मेहनत करें और अच्छे से कार्य करे. -पिछले साल के रुके हुए कार्य भी आगे बढ़ेंगे. -जीवन में सुखद परिवर्तन होता दिख रहा है. -मित्रता और स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहना होगा. -महीने भर रोजाना एक मुट्टी आटा और चीनी निकालकर रख दें. -हर शुक्रवार को उसका दान दें.

आज का राशिफल में गुरूजी पवन सिन्हा बता रहे हैं अगर 21 जून (गुरुवार) को आपका जन्मदिन है तो आपके आने वाले 12 महीने बहुत अच्छे हैं. जमकर मेहनत करें और अच्छे से कार्य करे. पिछले साल के रुके हुए कार्य भी आगे बढ़ेंगे. जीवन में सुखद परिवर्तन होता दिख …

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अंडरवियर धोने से पहले हो जाइये सावधान, उसमे लगी होती है आपकी ‘पो’…

अंडरवियर धोने से पहले हो जाइये सावधान

कुछ लोग इतने ज्यादा आलसी होते है कि वो अपने कपड़े तक नहीं धो पाते है और ऐसे में लोग अपने कपड़े धोभी के पास या लॉन्ड्री में धोने के लिए डाल देते है. कई बार तो लोग हफ़्तों तक अपने कपड़ों को लांड्री बैग में इकठ्ठा करके रख देते …

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ट्रिप के साथ भारत की इन जगहों पर ले सकते हैं योग का अनुभव, योग डेस्टिनेशन नाम से भी हैं मशहूर

21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के मौके पर पीएम मोदी 50 हजार से ज्यादा योग प्रतिभागियों के साथ देहरादून की ऐतिहासिक बिल्डिंग, FRI में योग करेंगे। इसके साथ ही देश भर में योग के लिए कई इंतजाम किए गए हैं। फिटनेस के लिए जितना सैर-सपाटा जरूरी है, उतना ही योग का भी महत्व है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अगर आप भी ट्रिप के साथ योग का अनुभव लेना चाहते हैं, तो आप इन जगहों पर घूम सकते हैं। सबसे खास बात ये है कि यहां पर देश-विदेश से पर्यटक घूमने के अलावा योग और मेडिटेशन के लिए आते हैं। मनाली, हिमाचल प्रदेश चीड़ और देवदार के पेड़ों के पास आपको बहुत ही शांति मिलेगी। धर्मशाला की तरह मनाली में कोई योग स्कूल या मेडिटेशन सेंटर नहीं है लेकिन अपने शांत वातावरण की वजह से योग करने वालों को यहां योग के लिए बेहतरीन लोकेशन मिल जाएगी। आपको अगर शांति के साथ प्रकृति के नजारे चाहिए तो आप पुराने मनाली के गांवों में जाएं जहां आपको मिलेगा योग करने के लिए बेहतरीन वातावरण। इसके लिए आप नसोगी, नग्गर या वशिष्ठ जा सकते हैं। इस ‘मदर्स डे’ अपनी मां को दे ट्रिप का तोहफा, ये 5 जगह कर सकते हैं लिस्ट में शामिल यह भी पढ़ें ऋषिकेश, उत्तराखंड दोस्तों के साथ इन जगहों पर जमकर करें मस्ती, ट्रिप कर लीजिए प्लान यह भी पढ़ें इसे भारत के योग कैपिटल के रूप में भी जाना जाता है। हिमालय के शिवालिक रेंज में स्थित इस छोटे से शहर में साल भर योग वर्कशॉप, कॉन्फ्रेंस और रीट्रीट होते रहते हैं। ऋषिकेश में आपको दुनिया के बेस्ट योग टीचर्स मिल जाएंगे। ऋषिकेश में कई आश्रम और रेस्तरां हैं जहां आपको योग स्पेशल खाना भी मिलता है। आप यहां मेडिटेशन भी कर सकते हैं। आपको यहां इजराइयली खाने के अलावा एक अलग तरह की आस्था देखने को मिलेगी। वरकला, केरल अगर आप योग के शौकीन हैं लेकिन पहाड़ों की जगह समुद्र के किनारे की तलाश में हैं तो चले आइए केरल के आखिरी छोड़ पर स्थित वरकला जो समुद्र तट के पास स्थित है और जहां आपको ऐसी कम्युनिटी भी मिल जाएगी जिन्हें योग की पूरी जानकारी है। साथ ही यहां आपको योग के साथ लग्जरी का भी आनंद मिल जाएगा। आप यहां आकर केरल के स्ट्रीट फूड का मजा भी ले सकते हैं। मैसूर, कर्नाटक बेहतरीन मौसम की चाह रखने वालों के लिए मैसूर किसी जन्नत से कम नहीं है। योग करने के लिए बेहतरीन जगहों की बात हो रही हो तो आप कर्नाटक के मैसूर को भी स्किप नहीं कर सकते। इस शहर का अपना योग आसन प्रैक्टिस स्टाइल है। वहीं अगर आप अष्टांग योग में दिलचस्पी रखते हैं तो मैसूर आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकती है।

21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के मौके पर पीएम मोदी 50 हजार से ज्यादा योग प्रतिभागियों के साथ देहरादून की ऐतिहासिक बिल्डिंग, FRI में योग करेंगे। इसके साथ ही देश भर में योग के लिए कई इंतजाम किए गए हैं। फिटनेस के लिए जितना सैर-सपाटा जरूरी है, उतना ही …

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झारखंड में विपक्षी एकता पर पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की टेढ़ी चाल

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में भाजपानीत गठबंधन सरकार के खिलाफ तैयार हो रहा संयुक्त विपक्षी मोर्चा राजनीतिक महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ सकता है। फिलहाल, भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के खिलाफ तमाम विपक्षी दलों की लामबंदी में एकजुटता तो नजर आ रही है, लेकिन विपक्षी धड़े के महत्वपूर्ण नेता बाबूलाल मरांडी आपाधापी में नजर नहीं आते। मरांडी अपनी गति से राजनीतिक गठबंधन की गाड़ी पर सवार होना चाहते हैं। यही वजह है कि सोमवार को नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के आवास पर हुई विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक से उन्होंने दूरी बनाए रखी। अलबत्ता बैठक में दूसरी कतार के नेता शामिल हुए लेकिन बाबूलाल मरांडी की अनुपस्थिति को लेकर कयास का दौर तेज हुआ। फौरी तौर पर बताया गया कि संताल परगना के दौरे पर रहने की वजह से वे बैठक में शामिल नहीं हुए। भाजपा को इसपर चुटकी लेने का मौका मिल गया है। बकौल भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव, बाबूलाल मरांडी की राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है। वे अस्तित्व तलाश रहे हैं। उनकी राजनीतिक लाइन-लेंथ पूरी तरह कंफ्यूज्ड है। दरअसल बाबूलाल मरांडी आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर ज्यादा सतर्क हैं। विपक्षी गठबंधन की पहल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने मिलकर की है। दोनों दल विधानसभा चुनाव के लिए सीटों को लेकर भी मन बना चुके हैं। झारखंड में मिला विपक्षी एकता को बल, भाजपा के लिए संभलने का एक मौका यह भी पढ़ें इस बंटवारे में झाविमो के हिस्से में काफी कम सीटें आ रही हैं जिससे झारखंड विकास मोर्चा सतर्क है। अंदरूनी तौर पर इसे लेकर खींचतान भी है जो भविष्य में खुलकर सामने आ सकता है। बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा ने 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में आठ सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि चुनाव परिणाम के तत्काल बाद छह विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था। उसमें से दो विधायकों को भाजपानीत गठबंधन सरकार में मंत्री की कुर्सी मिली। जबकि दो को बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। आक्रामक हुई भाजपा, विपक्षी गठबंधन को बताया अनैतिक विपक्षी दलों के संयुक्त आंदोलन की घोषणा के बाद भाजपा ने भी अपने तेवर आक्रामक कर लिए हैं। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर ने कहा है कि भूमि अधिग्रहण संशोधन के खिलाफ आदोलन फ्लॉप होने के डर से विपक्ष ने शहीदों के नाम का सहारा लेना शुरू कर दिया है और सिदो-कान्हू के हूल दिवस को भी आदोलन का हिस्सा बना दिया है। इससे झारखंडी जनभावना आहत हुई है। इसके लिए विपक्ष जनता से माफी मागे और इस घोषणा को वापस ले। एक झूठे आदोलन के लिए शहीदों के नाम का राजनीतिक दुरुपयोग शर्मनाक है। विपक्ष धरना दे, जुलूस निकाले। उसपर आपत्ति नहीं है। लेकिन विपक्ष द्वारा शहीदों के नाम का राजनीतिक इस्तेमाल ठीक नहीं है। अधिक दिनों तक नहीं चलेगी विपक्ष की एकता: पासवान यह भी पढ़ें झामुमो आदिवासियों को बनाकर रखना चाहती है सिर्फ वोट बैंक: प्रतुल भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा पर आरोप लगाया कि वह आदिवासियों और मूलवासियों को सिर्फ वोट बैंक बनाकर रखना चाहती है। वह नहीं चाहती कि इनका विकास हो। उन्हें बरगलाने के लिए झामुमो के नेता हेमंत सोरेन झूठ बोल रहे हैं। झामुमो कहता है कि निजी उपयोग और उद्योगों के लिए भूमि अधिग्रहण होगा जबकि सच्चाई यह है कि सरकारी योजनाओं जैसे स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सड़क, पुल, बिजली सब स्टेशन आदि के लिए जरुरत पड़ने पर जमीन का अधिग्रहण होगा। ग्राम सभा या स्थानीय प्राधिकार के परामर्श के बगैर अधिग्रहण नहीं हो सकेगा। निजी उद्योगों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। उनके लिए सामाजिक प्रभाव आकलन का प्रावधान है। जमीन के मालिक को बाजार मूल्य से चार गुना अधिक मुआवजा आठ माह के भीतर मिलेगा। संशोधन से राज्य में पांच नए विश्वविद्यालय, 61 डिग्री कॉलेज, 20 पॉलिटेक्निक, सात इंजीनियरिंग और प्रोफेशनल कॉलेज, एक स्किल यूनिवर्सिटी समेत 100 शिक्षण संस्थानों का तेजी से निर्माण होगा।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में भाजपानीत गठबंधन सरकार के खिलाफ तैयार हो रहा संयुक्त विपक्षी मोर्चा राजनीतिक महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ सकता है। फिलहाल, भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के खिलाफ तमाम विपक्षी दलों की लामबंदी में एकजुटता तो नजर आ रही है, लेकिन विपक्षी धड़े के महत्वपूर्ण नेता बाबूलाल मरांडी …

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मुख्‍य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन का इस्‍तीफा, दिया निजी कारणों का हवाला

मुख्‍य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है। इसके पीछे का कारण निजी बताया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्‍लॉग पोस्‍ट में इस बात की जानकारी दी। उनके इस पोस्‍ट का टाइटल ‘थैंक यू अरविंद’ है। जेटली ने अपने पोस्‍ट में बताया कि सुब्रमण्यन वापस अमेरिका लौट जाएंगे। 16 अक्टूबर 2014 को सुब्रमण्यन ने यह पदभार तीन साल के लिए संभाला था। उनका कार्यकाल खत्म होने पर मैं चाहता था कि वह आगे भी इस पद पर बने रहें। 2017 में उनके सेवा को एक साल और बढ़ा दिया गया। उन्होंने लिखा कि इस दौरान उन्होंने बताया कि मैं पारिवारिक जिम्मेदारियों और मौजूदा पद को लेकर दुविधा में हूं। जेटली ने पोस्ट में यह भी लिखा कि इसका कोई विकल्प नहीं है, लेकिन वह अरविंद सुब्रमण्यन के फैसले से सहमत हैं। जेटली ने अपने ब्लॉग में अरविंद की तारीफ करते हुए बताया है कि वित्त मंत्रालय, पीएमओ और सरकार के अन्य विभागों के साथ उनका संवाद काफी अहम था। यह औपचारिक होने के साथ ही अनौपचारिक स्तर पर भी होता था। अपने पोस्‍ट में जेटली ने उन्‍हें जन धन, आधार, मोबाइल को डाटाबेस के तौर पर उपलब्‍ध कराने का श्रेय दिया है।

मुख्‍य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है। इसके पीछे का कारण निजी बताया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्‍लॉग पोस्‍ट में इस बात की जानकारी दी। उनके इस पोस्‍ट का टाइटल ‘थैंक यू अरविंद’ है। जेटली ने अपने पोस्‍ट में …

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नकली पावरबैंक्स से सावधान, खरीदने से पहले इन 4 बातों का रखें खास ख्याल

स्मार्टफोन की यूसेज बढ़ जाने से फोन बैटरी की खपत भी ज्यादा होने लगी है। स्मार्टफोन्स में लगातार हो रहे बदलाव कई बार फोन के लिए इतने हैवी हो जाते हैं कि इससे फोन की बैटरी पर असर पड़ता है। इससे फोन जल्दी डिस्चार्ज भी हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप किसी ऐसी जगह हो जहां बिजली का कोई साधन न हो तो आप फोन कैस चार्ज करेंगे। फोन चार्ज करने का एक विकल्प पावरबैंक भी है। फोन को चार्ज करने के लिए पावरबैंक काफी मददगार साबित हुए हैं। लेकिन मार्किट में कई नकली पावरबैंक्स भी बेचे जा रहे हैं। ऐसे में असली और नकली पावरबैंक का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो गया है। इस पोस्ट में हम आपको पावरबैंक खरीदने से पहले क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ये बताने जा रहे हैं। कैपिसिटी का रखें ध्यान: पावरबैंक की सबसे मुख्य विशेषता उसकी बैटरी कैपिसिटी है। पावरबैंक की कैपेसिटी को 'mAh' में मापा जाता है। यूजर को फोन की बैटरी से तीन गुना कैपिसिटी वाला पावरबैंक ही लेना चाहिए। उदाहरण के तौर पर: अगर आपका फोन 3000 एमएएच बैटरी से लैस है तो आप 10000 एमएएच वाला पावरबैंक खरीदें। साथ ही यह भी देखना अहम है कि यह पावरबैंक आपके फोन को सपोर्ट कर रहा है या नहीं। इस आसान ट्रिक से किसी भी फोन से चार्ज हो जाएगा आपका स्मार्टफोन यह भी पढ़ें यूएसबी चार्जिंग: पावरबैंक खरीदते समय यह भी ध्यान दें कि उसमें यूएसबी चार्जिंग है या नहीं। ज्यादातर पावरबैंक्स में यूएसबी चार्जिंग फीचर होता है। हालांकि, कुछ पुराने पावरबैंक्स में यह फीचर नहीं दिया गया है। इनमें अलग से एक केबल दी जाती है। स्मार्टफोन के लिए पावरबैंक खरीदने से पहले इन बातों पर दें खास ध्यान यह भी पढ़ें कीमत: बैटरी कैपिसिटी के अलावा, पावरबैंक की कीमत भी अहम है। पावरबैंक लेते समय कीमत का भी ध्यान रखें। कई बार ऐसा होता है कि आप कम कीमत के चलते पावरबैंक खरीद लेते हैं क्योंकि उसमें ज्यादा कैपिसिटी दी गई होती है। इस तरह के पावरबैंक आपके फोन को ठीक से चार्ज नहीं कर पाते। साथ ही उन्हें डैमेज भी करते हैं। ऐसे में आप सस्ता पावरबैंक न खरीदें। यह फोन के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। मिड-रेंज से लेकर हाई-रेंज के पावरबैंक सही विकल्प साबित होते हैं। क्वालिटी: अगर क्वालिटी की बात करें तो वह पावरबैंक बिल्कुल न खरीदें जिसमें या तो रिफर्बिश्ड बैटरी लगी होती हैं या फिर उसमें शॉट सर्किट, ओवर चार्जिंग प्रोटेक्शन जैसे बेसिक फीचर नहीं होते।

स्मार्टफोन की यूसेज बढ़ जाने से फोन बैटरी की खपत भी ज्यादा होने लगी है। स्मार्टफोन्स में लगातार हो रहे बदलाव कई बार फोन के लिए इतने हैवी हो जाते हैं कि इससे फोन की बैटरी पर असर पड़ता है। इससे फोन जल्दी डिस्चार्ज भी हो जाते हैं। ऐसे में …

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भारत में अगले 10 साल तक भी नहीं बनाया जा सकता है स्मार्टफोन प्रोसेसर, पढ़ें कारण

स्मार्टफोन खरीदते समय यूजर्स फोन के हर फीचर को बारिकी से परखते हैं। फोन में कैमरा क्वालिटी कैसी है, फोन में बैटरी कैपिसिटी कैसी है ये सब अच्छे से जांचने के बाद ही यूजर फोन लेते हैं। कैमरा और बैटरी के अलावा प्रोसेसर भी फोन का एक अहम कारक होता है। फोन की परफॉर्मेंस इसके प्रोसेसर पर निर्भर करती है। फोन का प्रोसेसर जितना दमदार होगा परफॉर्मेंस उतनी ही अच्छी होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फोन प्रोसेसर को भारत में नहीं बनाया जा सकता है? इस पोस्ट में हम आपको प्रोसेसर भारत में क्यों नहीं बनाया जा सकता है इसका कारण और प्रोसेसर क्या होता है ये बताने जा रहे हैं। भारत में क्यों नहीं बन सकता है फोन प्रोसेसर? आपको बता दें कि प्रोसेसर बनाने के लिए एक खास तरह की अंडरग्राउंड लैब की जरुरत होती है। इस लैब में धूल और रेत का एक भी कण मौजूद नहीं होना चाहिए। साथ ही प्रोसेसर बनाने के लिए खास तरह की सुविधाओं की जरुरत भी पड़ती है। यह सुविधाएं नेटवर्किंग क्षेत्र में फिलहाल भारत में उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन खबरों की मानें तो आने वाले कुछ वर्षों में प्रोसेसर बनाने का सेटअप भारत में लगाया जा सकता है। एक बग के कारण 90 करोड़ क्वालकॉम एंड्रायड यूजर्स की सुरक्षा को खतरा, आसानी से हैक हो सकती हैं डिटेल्स यह भी पढ़ें टेक एक्सपर्ट विभा सचदेवा के मुताबिक, "भारत में प्रोसेसर न बनने की मुख्य वजह ज्यादा लागत है। प्रोसेसर बनाने के लिए जिस सेटअप की जरुरत पड़ती है उसकी लागत बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में आने वाले 10 वर्षों में भी भारत में प्रोसेसर नहीं बनाए जा सकते हैं।" क्या है प्रोसेसर का काम? अगले वर्ष अपना मोबाइल प्रोसेसर लाएगी Xiaomi! यह भी पढ़ें किसी भी स्मार्टफोन का प्रोसेसर उसकी परफॉर्मेंस के लिए जिम्मेदार होता है। आपका फोन का प्रोसेसर जितना बेहतर होगा उसकी परफॉर्मेंस भी उतनी अच्छी होगी। प्रोसेसर फोन के दिमाग की तरह कहा जा सकता है जो सभी गतिविधियों को नियंत्रित करता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है, एक चिप होती है जिसकी परफॉर्मेंस हट्र्ज, किलोहट्र्ज, मेगाहट्र्ज और गीगाहट्र्ज के आधार पर मापी जाती है। अगर प्रोसेसर का चिपसेट बढ़िया है तो आपके फोन की परफॉर्मेंस भी जानदार रहेगी। इसी आधार पर यह निर्णय लिया जाना चाहिए की आपके फोन का प्रोसेसर अच्छा है या नहीं। चिप के आलावा कोर भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

स्मार्टफोन खरीदते समय यूजर्स फोन के हर फीचर को बारिकी से परखते हैं। फोन में कैमरा क्वालिटी कैसी है, फोन में बैटरी कैपिसिटी कैसी है ये सब अच्छे से जांचने के बाद ही यूजर फोन लेते हैं। कैमरा और बैटरी के अलावा प्रोसेसर भी फोन का एक अहम कारक होता …

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