Sunday , July 13 2025

BJP नेता ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल को लिखा पत्र, कहा- पत्थरबाजों पर लगे केस हटाने के फैसले को रद किया जाए

भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अजय अग्रवाल ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा को पत्र लिखकर पत्थरबाजों पर लगे केस हटाने के फैसले को रद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सेना पत्थरबाजों का शिकार हुई है। ऐसे में उनपर लगे केस वापस लेने के फैसले को रद किया जाए। पत्र में क्या लिखा पत्र में अजय अग्रवाल ने कहा है कि मीडिया में छपी विभिन्न खबरों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं व जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बयान से पता चलता है कि सरकार ने हिंसा में लिप्त तत्वों और पत्थरबाजों के खिलाफ दर्ज कई मामलों को वापस लिया है। पत्थरबाजी के मामले में सीआरपीएफ, पुलिस, सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पीड़ित पक्ष हैं। पत्थरबाजों के खिलाफ मामलों को पीड़ित पक्ष को विश्वास में लिए बगैर वापस लिया गया है। PDP को खुश करते-करते अपना सियासी मैदान गंवा रही थी BJP, ऐसे टूट गया गठबंधन यह भी पढ़ें बता दें कि राज्य में भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि भाजपा के साथ गठबंधन में हमने अपना एजेंडा पूरा किया है। इस दौरान उन्होंने अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हमारी सरकार ने राज्य के 11,000 युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस कराए। जिसके बाद भाजपा नेता अजय अग्रवाल ने राज्यपाल को पत्र लिखकर पत्थरबाजों से मुकदमे हटाए जाने का फैसला खारिज करने की अपील की है।

भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अजय अग्रवाल ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा को पत्र लिखकर पत्थरबाजों पर लगे केस हटाने के फैसले को रद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सेना पत्थरबाजों का शिकार हुई है। ऐसे में उनपर लगे केस वापस …

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झारखंड में सत्ता पक्ष व विपक्ष में बढ़ी तल्खी, बयानों के तीखे तीर चले

राज्य ब्यूरो, रांची। भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल पर शुरू हुई सत्ता पक्ष और विपक्ष की तकरार ने झारखंड के राजनीतिक माहौल को बेहद गर्म कर दिया है। सत्ताधारी दल भाजपा के बाद अब खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास मैदान में उतर आए हैं और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सुप्रीमो शिबू सोरेन के परिवार पर सीधा हमला कर दिया है। जवाब में नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी कमर कस कर मैदान में उतर आए हैं। ऐसा लग रहा है कि राज्य चुनावी माहौल की ओर बढ़ रहा है। बेहद संवेदनशील भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल की लड़ाई की आड़ में सीएनटी-एसपीटी संशोधन मामला भी गर्मा गया है। उस प्रकरण में राजनीतिक दबाव में कदम पीछे खींचने वाली भाजपा ने अब सार्वजनिक मंच के साथ-साथ ट्विटर पर भी झामुमो को कठघरे में खड़ा किया है। मुख्यमंत्री ने कांके में एक कार्यक्रम में सीधे-सीधे सोरेन परिवार पर इस एक्ट के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उनके समर्थन में उतरी भाजपा ने भी सोरेन परिवार पर करारा हमला किया है। भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के मुद्दे पर शुरू हुई यह लड़ाई अब व्यक्तिगत हमले में तब्दील हो गई है। झारखंड को भी झामुमो मुक्त कर देंगेः रघुवर यह भी पढ़ें सीएम रघुवर दास का ट्वीट मैं 1995 से विधायक हूं। मैं खुली चुनौती देता हूं कि विपक्ष बताए कि मैंने कहां सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन किया है। मुझ पर आरोप लगाने वाले सोरेन परिवार ने खुद संताल परगना, बोकारो, धनबाद में सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन खरीदी है। नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरने का जवाबी ट्वीट झूठी चुनौती और बड़ी-बड़ी डींगें हांकने की अपनी आदत से बाज आएं मुख्यमंत्री जी। अभी चार माह पहले भी विकास पर बहस की चुनौती दी थी-जो खोखली साबित हुई। और किसने आपको मेरे खिलाफ जांच करने से रोका है। राज्य आपका, केंद्र आपका। अब क्या चांद पर सरकार बनाने का इंतजार है आपको। झारखंड भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ एकजुट हुआ विपक्ष यह भी पढ़ें भाजपा का सीधा हमला, पूछे हेमंत से सवाल आपकी तिलमिलाहट समझ में आती है। भाषण मत दीजिए, सीधे हां या न में जवाब दीजिए। 1- आपने और आपके परिवार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर गरीब आदिवासियों की जमीन खरीदी या नहीं? 2- आप रामगढ़ के रहने वाले हैं तो आपने रांची, दुमका और बोकारो में जमीन कैसे खरीदी? 3- रांची के सोहराय भवन की जमीन खरीदकर क्या आपके परिवार ने सीएनटी एक्ट का उल्लंघन नहीं किया? 4- गरीब आदिवासी राजू उरांव की जमीन को आपके परिवार ने किस कानून के तहत खरीदा? झारखंड की जनता को अभी सिर्फ इतने ही सवालों का जवाब दीजिए। (भाजपा का ट्वीट )

राज्य ब्यूरो, रांची। भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल पर शुरू हुई सत्ता पक्ष और विपक्ष की तकरार ने झारखंड के राजनीतिक माहौल को बेहद गर्म कर दिया है। सत्ताधारी दल भाजपा के बाद अब खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास मैदान में उतर आए हैं और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सुप्रीमो शिबू सोरेन …

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PDP से नाता तोड़ने के बाद 23 जून को शाह का पहला जम्मू दौरा, प्रदेश भाजपा को देगा मजबूती

विपरीत विचारधारा वाली पीडीपी के साथ तीन साल तक सत्ता में रहने के बाद सरकार को छोड़ने वाली प्रदेश भाजपा को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का जम्मू दौरा मजबूती देगा। देश की एकता व अखंडता के लिए कुर्बानी देने वाले जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर 23 जून को जम्मू आ रहे शाह संसदीय चुनाव की तैयारियों को तेजी देंगे। प्रदेश भाजपा राज्य में अब नई भूमिका में लोगों के बीच जाने को तैयार है, इस मुहिम की शुरुआत अमित शाह के जम्मू दौरे से होगी। नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना समेत पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता शाह के दौरे को कामयाब बनाने में व्यस्त हो गए हैं। ऐसे में बुधवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पूरे दिन बैठकों का सिलसिला जारी रहा। शाह की रैली के माध्यम से भाजपा हाईकमान द्वारा जम्मू-कश्मीर में सरकार को छोड़ने के कारणों के बारे में बताया जाएगा। इस दौरान जम्मू वासियों को भी संदेश दिया जाएगा कि वे पार्टी के लिए सत्ता से अधिक अहमियत रखते हैं। प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने बताया कि शाह जम्मू में भाजपा चुनाव प्रचार समिति की बैठक में संसदीय चुनाव को लेकर अपनाए जाने वाली रणनीति तय करेंगे। इसके साथ ही वह शाम चार बजे जम्मू में ब्राह्माण सभा के बाहर एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। EXCLUSIVE: कड़े फैसले लेने के मामले में भाजपा ने फिर चौंकाया, किसी को नहीं थी 'सुपर प्लान' की जानकारी यह भी पढ़ें आतंकवाद विरोधी मुहिम में बाधाएं दूर करने को गिराई सरकार : रैना प्रदेश भाजपा ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को आतंकवाद व अलगाववाद के प्रति नरम नीति पर घेरते हुए कहा है कि कश्मीर को आतंकवाद मुक्त बनाने में राजनीतिक मजबूरियां आड़े आ रही थीं। ऐसे हालात में देशहित को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने सरकार से समर्थन वापस लेकर सुनिश्चित किया कि राज्यपाल शासन में न सिर्फ कानून एवं व्यवस्था कायम हो, बल्कि राज्य प्रशासन भी एकाग्रता से कार्य करे। बुधवार को जम्मू में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि पिछले तीन-चार महीनों से राज्य में कानून-व्यवस्था लगातार बिगड़ रही थी। अब सेना द्वारा देश के लिए खतरा बनने वालों को चुन-चुनकर मारा जाएगा। रैना ने कहा कि तीन वर्षों में राज्य में सेना ने बहुत काम किया, उन्हें फ्री हैंड दिया गया था। यही कारण था कि इस अरसे में 619 आतंकवादी मारे गए।

विपरीत विचारधारा वाली पीडीपी के साथ तीन साल तक सत्ता में रहने के बाद सरकार को छोड़ने वाली प्रदेश भाजपा को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का जम्मू दौरा मजबूती देगा। देश की एकता व अखंडता के लिए कुर्बानी देने वाले जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर …

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उरुग्‍वे के बाद गांजा को वैध बनाने वाला दुनिया का दूसरा देश बना कनाडा

मारिजुआना को वैध बनाने वाले जी-7 राष्‍ट्र के बाद कनाडा दुनिया का दूसरा देश है। दिसंबर 2013 में सबसे पहला देश उरुग्‍वे ने मारिजुआना के उत्‍पादन, बिक्री और खपत को वैध किया था। अब कनाडा में मारिजुआना को वैध बनाने वाला विधेयक पारित किया गया है। पड़ोसी अमेरिका के कोलंबिया में मारिजुआना के इस्‍तेमाल की अनुमति है। प्रधानमंत्री जस्‍टिन ट्रूडो के द्वारा एक कैंपेन का आयोजन हुआ जिसमें कम उम्र के यूजर्स से मारिजुआना को दूर रखने और अपराध को कम करने का लक्ष्‍य रखा गया। इस कैंपेन के बाद विधेयक सी-45 जिसे कैनाबिस एक्‍ट के तौर पर भी जाना जाता है, को बनाया गया। मारिजुआना पॉलिसी प्रोजेक्‍ट के अनुसार, कनाडा के संविधान में कैनाबिस एक्‍ट के तहत देश के सभी प्रांतों को मारिजुआना बिजनेस को नियमित बना लाइसेंस देने की अपनी व्‍यवस्‍था कायम करने की अनुमति है। राष्‍ट्रीय ढांचे के तहत व्‍यस्‍कों को 30 ग्राम मारिजुआना लेने की अनुमति होगी। 31 मार्च कनाडा के लिए ऐतिहाासिक, सालों पुराना NRU देश की भलाई के लिए हमेशा के लिए बंद यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री जस्‍टिन ट्रूडो सरकार ने उम्‍मीद जतायी की इसे 1 जुलाई तक वैध कर दिया जाएगा लेकिन बुधवार को उन्‍होंने कहा कि पूरे देश में इसे 17 अक्‍टूबर तक वैध किया जाएगा। इससे पहले मारिजुआना को वैध बनाने वाला उरुग्‍वे दुनिया का पहला देश था। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने विधेयक पारित किए जाने पर ट्वीट कर कहा, ‘बच्‍चों के लिए मारिजुआना का इस्‍तेमाल काफी आसान रहा है और अपराधियों ने भी इसका फायदा अब तक काफी उठाया है। आज हम इसे बदल रहे हैं। मारिजुआना को रेगुलेट और वैध बनाने की हमारी योजना संसद में पारित हुई है। कनाडा में घट रहे हैं रोजगार के अवसर, 9 साल में सबसे ज्यादा गिरावट यह भी पढ़ें बता दें कि भारत में भी शशि थरूर ने मारिजुआना को कानूनी रूप से वैध करने का सुझाव रखा है। इस तरह की मांग इससे पहले योग शिक्षक रामदेव भी कर चुके हैं। दुनिया भर में ऐसे बुद्धिजीवी, प्रोफेसर, सेलेब्रिटी और तमाम लोग हैं जो, मारिजुआना, वीड या गांजे को अवैध ड्रग्स के दायरे से बाहर निकालना चाहते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 60 प्रतिशत लोग गांजे को वैध करने के पक्ष में हैं।

मारिजुआना को वैध बनाने वाले जी-7 राष्‍ट्र के बाद कनाडा दुनिया का दूसरा देश है। दिसंबर 2013 में सबसे पहला देश उरुग्‍वे ने मारिजुआना के उत्‍पादन, बिक्री और खपत को वैध किया था। अब कनाडा में मारिजुआना को वैध बनाने वाला विधेयक पारित किया गया है। पड़ोसी अमेरिका के कोलंबिया …

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टेनिस सुपरस्‍टार बोरिस बेकर को राजनयिक मानने से किया इंकार

मध्‍य अफ्रीकी गणराज्‍य (सीएआर) ने बोरिस बेकर को अपना आधिकारिक राजनयिक मानने से इंकार कर दिया है। इनका कहना है कि पूर्व टेनिस स्‍टार का पासपोर्ट फर्जी है। एएफपी द्वारा देखे गए पासपोर्ट की कॉपी 19 मार्च 2018 में जारी की गयी है लेकिन इसपर देश के विदेश मंत्री चार्ल्‍स आर्मल डौबेन द्वारा न तो हस्‍ताक्षर किया गया है और न ही इसपर कोई मुहर है। बता दें कि बोरिस बेकर 1985 में 17 साल की उम्र में पुरुष विम्बलडन चैम्पियन बनने वाले युवा खिलाड़ी बने थे। विदेश मंत्री चार्ल्‍स आर्मल डौबेन ने आगे कहा कि बेकर के राजनयिक स्‍टेटस से उनका कभी सामना नहीं हुआ। उन्‍होंने कहा, ‘बोरिस सीएआर के आधिकारिक राजनयिक नहीं हैं। राजनयिक के तौर पर नियुक्‍ति के लिए इसपर न केवल राष्‍ट्रपति के नॉमिनेशन की बल्‍कि विदेश मंत्री के तौर पर मेरे हस्‍ताक्षर की भी जरूरत होती है। राष्‍ट्रपति ने बोरिस बेकर के लिए किसी एेसे कागजात पर मुझे हस्‍ताक्षर करने को नहीं कहा।' रूसी राजदूत ने चेताया, शीत युद्ध के मुहाने पर दुनिया यह भी पढ़ें उन्‍होंने आगे कहा कि सीएआर राजनयिक होने के लिए जिन चीजों की जरूरत है क्‍या वह बोरिस बेकर के पास है और दूसरी बात कि बोरिस बेकर के पास ऐसे कागजात हैं जो उनके राजनयिक होने का सबूत दे। यदि है तो उन्‍हें वो कागजात दिखाना चाहिए। बोरिस बेकर की नियुक्‍ति के सर्टिफिकेट पर केवल इयू एंबेस्‍डर का हस्‍ताक्षर है। विदेश मंत्रालय के प्रमुख चेरुबिन मोलोगबामा का कहना है कि पासपोर्ट पर मौजूद सीरियल नंबर उन पासपोर्टों से मेल खाता है जो 2014 में चोरी हो गयी थी। शुक्रवार को तीन बार विंबलंडन चैंपियन रहे बोरिस के वकीलों ने लंदन में हाइकोर्ट को बताया कि उन्‍हें अप्रैल में सीएआर के आधिकारिक राजनयिक के तौर पर नियुक्‍त किया गया था। बता दें कि पिछले साल के जून माह में बोरिस को दिवालिया घोषित कर दिया गया था। इन्‍हें निजी बैंकरों की एक फ़र्म को बड़ी रकम चुकानी थी।

मध्‍य अफ्रीकी गणराज्‍य (सीएआर) ने बोरिस बेकर को अपना आधिकारिक राजनयिक मानने से इंकार कर दिया है। इनका कहना है कि पूर्व टेनिस स्‍टार का पासपोर्ट फर्जी है। एएफपी द्वारा देखे गए पासपोर्ट की कॉपी 19 मार्च 2018 में जारी की गयी है लेकिन इसपर देश के विदेश मंत्री चार्ल्‍स …

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मात्र 25 फीसद भारतीय ही करते हैं इंटरनेट का उपयोग

डिजिटल इंडिया को लेकर जोर आजमाइश के बावजूद 2017 में देश में केवल एक चौथाई लोगों ने इंटरनेट का प्रयोग किया। प्यू रिसर्च सेंटर के एक नए अध्ययन में इस बात का पता चला है। अध्ययन के मुताबिक, भारत दुनिया में सबसे कम इंटरनेट उपयोग करने वाले देशों में से एक है। 37 देशों की सूची में दक्षिण कोरिया पहले स्थान पर है। दक्षिण कोरिया में 96 फीसद वयस्कों ने इंटरनेट का प्रयोग किया। दुनिया में ज्यादातर देश इंटरनेट का प्रयोग करते हैं, जबकि उप सहारा अफ्रीका व भारत के पास भी ऊंची दर हासिल करने के लिए बहुत कुछ है। भारत में वयस्कों के पास स्मार्टफोन रखने की दर 2013 में 12 फीसद थी जो 2017 में बढ़कर 22 फीसद हो गई, जबकि इस अवधि के दौरान सोशल मीडिया का प्रयोग आठ से बढ़कर 20 फीसद तक पहुंच गया। इसका मतलब, भारत में 78 फीसद वयस्कों के पास स्मार्टफोन नहीं है और देश की अधिकांश 80 फीसद आबादी को फेसबुक और ट्विटर की कोई जानकारी नहीं है। फेसबुक ने जताई चिंता, लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बन सकता इंटरनेट यह भी पढ़ें इंटरनेट की पहुंच दर इंटरनेट उपयोग या फिर स्मार्टफोन रखने वाले लोगों द्वारा मापी जाती है। यह उत्तरी अमेरिका और यूरोप के अधिकांश हिस्सों के साथ-साथ एशिया-प्रशांत के कुछ हिस्सों में भी अधिक रहती है। वहीं ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, स्वीडन, कनाडा, अमेरिका, इजराइल, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और स्पेन में लगभग नौ से 10 फीसद लोग ही इंटरनेट का उपयोग करते हैं। क्षेत्रीय रूप से उप-सहारा अफ्रीका दुनिया के सबसे कम इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के मामले में से एक है।

डिजिटल इंडिया को लेकर जोर आजमाइश के बावजूद 2017 में देश में केवल एक चौथाई लोगों ने इंटरनेट का प्रयोग किया। प्यू रिसर्च सेंटर के एक नए अध्ययन में इस बात का पता चला है। अध्ययन के मुताबिक, भारत दुनिया में सबसे कम इंटरनेट उपयोग करने वाले देशों में से …

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ट्रंप ने किया शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर, अब बॉर्डर पर परिवार से अलग नहीं होंगे बच्चे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर इमिग्रेंट परिवारों को अलग करने की कार्रवाई पर रोक लगाने वाले एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए. अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले प्रवासी परिवारों के बच्चों को बाड़े में रखने की तस्वीरें सामने आने के बाद से दुनियाभर में ट्रंप के फैसले के प्रति रोष देखने को मिल रहा था. चौतरफा आलोचना झेल रहे ट्रंप ने इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव करते हुए इस शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए. देश में अवैध रूप से घुसने वालों को नहीं बख्शा जाएगा अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लोगों को उनके बच्चों से अलग कर दिया जा रहा था. पिछले कुछ हफ्तों में ऐसे 2,500 बच्चों को उनके मां-बाप से जुदा किया गया. शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में कहा, “हम परिवारों को साथ रखेंगे और इससे समस्या सुलझ जाएगी. साथ ही हम सीमा पर सख्ती बनाए रखेंगे और इसे कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति बरकरार रहेगी. हम उन लोगों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे जो देश में अवैध रूप से प्रवेश करते हैं. ” मुकदमा पूरा होने तक साथ रहेगा पूरा परिवार इस शासकीय आदेश में गृह सुरक्षा विभाग से परिवारों को तब तक साथ रखने को कहा गया है जब तक कि उन पर अवैध रूप से सीमा पार करने के मामले में मुकदमा पूरा न हो जाए. लेकिन उन मामलों को इस शासकीय आदेश से अलग रखा गया है जहां परिवार वाले बच्चों के हित के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. ट्रंप ने कहा कि यह शासकीय आदेश परिवारों को साथ रखने के साथ ही एक मजबूत और शक्तिशाली सीमा सुनिश्चित करने के संबंध में है. सीमा पर सख्ती बरकरार रहेगी उन्होंने कहा, “सीमा पर सुरक्षा भले ही पहले के मुकाबले बढ़ाई न गई हो लेकिन पहले जितनी रहेगी. हम सीमा पर सख्ती बरकरार रखेंगे लेकिन हम परिवारों को साथ रखने वाले हैं.” ट्रंप ने कहा कि उन्हें परिवारों को अलग होते हुए देखना अच्छा नहीं लगता. 'यह एक ऐसी समस्या है जो कई सालों से चली आ रही है, कई प्रशासनों के कार्यकाल से. हम इमिग्रेशन पर बहुत मेहनत कर रहे हैं. यह मामला ठंडे बस्ते में रहा है. लोगों को इसका सामना नहीं करना पड़ा लेकिन हम इसका सामना कर रहे हैं.' विपक्षी ट्रंप से नहीं हैं संतुष्ट हालांकि, ट्रंप के विपक्षी इस शासकीय आदेश से संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने कहा है कि यह पर्याप्त नहीं है. डेमोक्रेटिक नेता नैन्सी पेलोसी ने कहा, “राष्ट्रपति का शासकीय आदेश बाल उत्पीड़न के एक रूप को दूसरे से बदलने का काम करेगा. भयभीत बच्चों को संरक्षण देने के बजाए राष्ट्रपति ने अपने अटॉर्नी जनरल को निर्देश दिए कि वो परिवारों को जेल जैसी स्थितियों में लंबे समय तक कैद रखने के लिए रास्ता तलाशे.’’ ट्रंप पर एंटी इमिग्रेशन एजेंडा आगे बढ़ाने का आरोप नैन्सी ने कहा कि राष्ट्रपति के एंटी इमिग्रेशन एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए आतंकित बच्चों का 'फायदा उठाना' हमारे राष्ट्र के लिए बेहद अनैतिक है. शीर्ष डेमोक्रेटिक नेता जो क्रोअली ने कहा कि यह आदेश बच्चों को उनके परिजन से अलग करने पर रोक लगाता है लेकिन यह प्रशासन की उस घृणित नीति को नहीं खत्म करता जिसमें शरण मांगने वालों और हिंसा के कारण यहां आने वाले लोगों को बिना कारण के हिरासत में ले लिया जाता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर इमिग्रेंट परिवारों को अलग करने की कार्रवाई पर रोक लगाने वाले एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए. अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले प्रवासी परिवारों के बच्चों को बाड़े में रखने की तस्वीरें सामने आने के बाद से दुनियाभर में …

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न्यूज़ीलैंड: PM जैसिंडा अर्डर्न बनीं मां, बेटी की परवरिश के लिए पति छोड़ेंगे अपना करियर

न्यूज़ीलैंड की पीएम जैसिंडा अर्डर्न ने एक बेटी को जन्म दिया है. अमेरिकी मीडिया सीएनएन के मुताबाकि लगभग पिछले 30 सालों में अर्डर्न के अलावा किसी फर्स्ट वर्ल्ड महिला नेता ने ऑफिस संभालते हुई बच्चे को जन्म नहीं दिया है. न्यूज़ीलैंड के लोकल समय के मुताबिक उनकी बेटी का जन्म शाम 4.45 मिनट पर हुआ. इसकी जानकारी अर्डर्न ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर दी है. उन्होंने ये भी बताया कि उनकी बेटी का वजन 3.31 किलो है. इंस्टा पर की बेटी के जन्म की घोषण बेटी के जन्म के बाद के पहले संदेश में उन्होंने लिखा, "आपकी शुभकामनाओं और प्यार के लिए तहे दिल से शुक्रिया. हमें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई. मैं ऑकलैंड के सिटी हॉस्पिटल की टीम का भी शुक्रिया अदा करना चाहूंगी." आपको बता दें कि अर्डर्न की डिलिवरी के लिए 17 जून की तारीख दी गई थी. इंस्टाग्राम पर ही की थी प्रेग्नेंसी की घोषणा 37 साल की जैसिंडा पिछले साल अक्टूबर में देश की पीएम बनी थीं. उन्होंने जनवरी महीने में इंस्टाग्राम पर पोस्ट डालकर अपनी प्रेग्नेंसी की जानकारी सार्वजनिक की थी और बेटी के जन्म के बाद भी अपनी भावनाओं को शेयर करने के लिए उन्होंने इंस्टा का ही सहारा लिया है. बेटी की परवरिश के लिए पति छोड़ेंगे अपना करियर आपको बता दें कि प्रधानमंत्री के बच्चे के जन्म को लेकर इतना उत्साह था कि वहां की मीडिया इसका लाइव कवरेज कर रही थी. वहीं, सबसे बड़ी बात ये है कि उनके पति क्लार्क गेफोर्ड ने बेटी को संभालने के लिए अपना करियर छोड़ने का फैसला लिया है. उनके पति एक टीवी शो होस्ट करते हैं. बेटी के जन्म के बाद उसकी परवरिश के लिए वो ये टीवी शो छोड़ देंगे.

न्यूज़ीलैंड की पीएम जैसिंडा अर्डर्न ने एक बेटी को जन्म दिया है. अमेरिकी मीडिया सीएनएन के मुताबाकि लगभग पिछले 30 सालों में अर्डर्न के अलावा किसी फर्स्ट वर्ल्ड महिला नेता ने ऑफिस संभालते हुई बच्चे को जन्म नहीं दिया है. न्यूज़ीलैंड के लोकल समय के मुताबिक उनकी बेटी का जन्म …

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वेदांता के बंद प्लांट में एसिड लीक, कंपनी ने गंभीर माना

वेदांता लिमिटेड ने कहा है कि तमिलनाडु में स्थित उसके कॉपर स्मेल्टर (तांबा गलाने) के टैंक से सलफ्यूरिक एसिड का लीक होना गंभीर है और उसे निष्क्रिय करने से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ सकता है। जिला प्रशासन ने रविवार को कहा था कि तूतीकोरिन कस्बे के भीतर स्थित प्लांट में मामूली लीक हुआ है। सुरक्षा के लिहाज से एसिड से भरे टैंकों को खाली कराने के कदम उठाए जा रहे हैं। कंपनी ने बुधवार को मद्रास हाई कोर्ट सौंपी गई अर्जी में कहा है, "पाइप के किनारे में हुआ लीकेज बहुत गंभीर है। जिन टैंकों में एसिड भरा है उसके चारों तरफ एसिड जमा है। जमा एसिड में पाइप के किनारे डूब गए हैं।" वेदांता लंदन लिस्टेड वेदांता रिसोर्स की भारतीय सब्सिडीयरी है। कंपनी ने कहा है कि उसने सीमित विद्युत आपूर्ति की मांग की है। यह मांग जान जाने का खतरा और हवा एवं भूजल को होने वाली क्षति टालने के लिए की गई है। कंपनी ने कहा है, "गंभीर जोखिम और खतरा है। इसका कारण यह है कि प्लांट के क्षेत्र में और भी भरे हुए टैंक और ज्वलनशील रसायन एवं वस्तुएं हैं।" लेकिन जिले के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी संदीप नंदुरी मामूली लीक होने पर कायम हैं। उन्होंने कहा, "यह उनका विचार है और यह हमारा है। सुरक्षा के लिहाज से हम सभी टैंकों से सल्फ्यूरिक एसिड खाली करा रहे हैं।" इसी प्लांट के खिलाफ हुए प्रदर्शन में मारे गए थे 13 लोग- तमिलनाडु सरकार ने प्लांट को स्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया है और पिछले महीने ही इसकी बिजली आपूर्ति भी बंद की जा चुकी है। राज्य सरकार ने प्लांट के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद यह कदम उठाया था। क्षेत्र में प्रदूषण फैलने के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी। पुलिस फायरिंग में 13 लोग मारे गए थे।

वेदांता लिमिटेड ने कहा है कि तमिलनाडु में स्थित उसके कॉपर स्मेल्टर (तांबा गलाने) के टैंक से सलफ्यूरिक एसिड का लीक होना गंभीर है और उसे निष्क्रिय करने से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ सकता है। जिला प्रशासन ने रविवार को कहा था कि तूतीकोरिन कस्बे के भीतर स्थित प्लांट …

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गाजियाबाद-नई दिल्ली रेल कॉरिडोर पर एक और पुल बनाएगा रेलवे

यमुना पर ट्रेनों की आवाजाही सुगम बनाने और गाजियाबाद-नई दिल्ली रेल कारिडोर पर दबाव कम करने के लिए रेलवे ने राष्ट्रीय राजधानी में नदी पर एक और पुल बनाने का प्रस्ताव रखा है। गाजियाबाद-नई दिल्ली रेल कारिडोर को देश में सबसे व्यस्त माना जाता है। इसके साथ ही लोहा पुल के नाम से मशहूर पुराने यमुना रेल ब्रिज की जगह अगले साल मार्च तक दोहरी लाइन रेल पुल चालू हो जाएगा। निजामुद्दीन रेल पुल के समीप बनेगा नया पुल- नया रेल पुल वर्तमान निजामुद्दीन रेल पुल के समीप बनाया जाएगा। इस पुल के बन जाने के बाद करीब 150 जाने और आने वाली सवारी और मालगाड़ियों की तीव्र गति और सुगमता से आवाजाही हो सकेगी। वर्तमान में गाजियाबाद और नई दिल्ली स्टेशनों के बीच ट्रेनों को गुजरने में एक घंटे से भी ज्यादा समय लगता है। इस मार्ग पर दबाव के कारण कई बार गाड़ियों को दो घंटे लगते हैं। इससे यात्रियों को असुविधा होती है। दिल्ली आने-जाने वाली गाड़ियों के लिए अतिरिक्त मार्ग की मांग हो रही है। इससे गाड़ियों का समय से परिचालन सुनिश्चित हो सकेगा। 425 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान- निजामुद्दीन रेल पुल के समीप प्रस्तावित 600 मीटर लंबे पुल के निर्माण पर 425 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। यह पुल दिल्ली आने-जाने वाली गाड़ियों के लिए अतिरिक्त मार्ग मुहैया कराएगा। इसके अलावा 100 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा गति से रेलगाड़ियां गुजर सकेंगी। वर्ष के आखिर तक निर्माण हो सकता है शुरू- रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित नए रेल पुल के लिए हाईड्रॉलिक स्टडी जारी है। उम्मीद है कि इस वर्ष के आखिर तक पुल का निर्माण शुरू हो जाएगा। निजामुद्दीन पुल के साथ नए पुल के निर्माण में नदी के सूखे हुए हिस्से में करीब 2000 कीकर के पेड़ काटने होंगे।

यमुना पर ट्रेनों की आवाजाही सुगम बनाने और गाजियाबाद-नई दिल्ली रेल कारिडोर पर दबाव कम करने के लिए रेलवे ने राष्ट्रीय राजधानी में नदी पर एक और पुल बनाने का प्रस्ताव रखा है। गाजियाबाद-नई दिल्ली रेल कारिडोर को देश में सबसे व्यस्त माना जाता है। इसके साथ ही लोहा पुल …

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