इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सलाह देते हुए उनसे कहा कि सरकार चलाना सेना का काम नहीं है और कहा कि वे एक किताब पढ़ें जिनमें बताया गया है कि कैसे भारत सेना को सियासत से अलग रखने में कामयाब रहा।
पाकिस्तानी अंग्रेजी दैनिक द नेशन के अनुसार बाजवा ने कहा कि सरकार चलाने की कोशिश करना फौज का काम नहीं है। फौज को संविधान से परिभाषित अपनी भूमिका तक सीमित रहना चाहिए।
बाजवा ने अपने अधिकारियों से कहा कि वे आजादी के बाद असैनिक सरकार के साथ भारतीय सेना के रिश्तों के बारे में येल युनिवर्सिटी के राजनीति शास्त्र एवं अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर स्टीवन आई विल्किंसन की लिखी किताब आर्मी ऐंड नेशन (सेना एवं राष्ट्र) पढ़ें।
बाजवा ने यह टिप्पणी दिसंबर में सैन्य मुख्यालय की रावलपिंडी गैरिसन में वरिष्ठ सैनिक अधिकारियों के एक समूह के बीच की थी और यह पाकिस्तान की असैन्य सरकार के साथ पाकिस्तानी सेना के रिश्तों में तब्दीली का एक संकेत है जो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार के लिए एक शुभ समाचार हो सकता है।
बाजवा के पूर्वाधिकारी राहील शरीफ से शरीफ सरकार के तल्खी भरे रिश्ते थे। बाजवा ने अपने अधिकारियों को साफ साफ कहा है कि पाकिस्तान में सेना और असैनिक सरकार के बीच स्पर्धा नहीं सहयोग होनी चाहिए। पाकिस्तान में सैन्य और असैन्य नेतृत्व के बीच समीकरण हमेशा एक कठिन और जटिल मुद्दा रहा है।
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