जम्मू।जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वार्ता प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिये पाकिस्तान के साथ ही अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहराया जिन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिये अपने दरवाजे बंद कर लिये।
उन्होंने कहा कि घाटी में अशांति के लिये तैयारियां पहलेे से ही कर ली गयी थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर में पांच महीने लंबी चली अशांति की तैयारी पहले से ही कर ली गई थी और जब पृथक कश्मीरी पंडित कॉलोनी और सैनिक कॉलोनी जैसे मुद्दों ने काम नहीं किया तब बुरहान वानी की मौत से अशांति भडक गयी।
” महबूबा ने राज्य विधानसभा में कश्मीर में अशांति पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाहौर गए जिसके बाद पठानकोट हमला किया गया और आज जुरियां में हुआ।
समूचे देश की नजरें उनके :अलगाववादियों के: दरवाजों पर टिकी थीं और देश इसके नतीजों को देखने के लिए सांसे थामे हुए था और कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे मुलाकात की। वे अपने दरवाजे खोल सकते थे।” उन्होंने कहा कि क्या अलगाववादियों ने अपने दरवाजे खोले थे, इससे संवाद शुरु किया जा सकता था।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे एक संदेश जाता और उन्होंने :अलगाववादियों ने: सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को बताया होता कि बीते समय में उन्होंने क्या कुछ किया है तथा इस मुद्दे के समाधान के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं।
” कश्मीर में अशांति का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अशांति की बेहद ‘‘सुनियोजित तरीके से साजिश” रची गई थी। इस अशांति में कई लोग मारे गए और कई अन्य जख्मी हुए।
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