“प्रयागराज की 150 साल पुरानी ऐतिहासिक नगर निगम बिल्डिंग का जीर्णोद्धार योगी सरकार की पहल से हो रहा है। गुड़, दाल और मेथी जैसी प्राकृतिक सामग्रियों से इसका कायाकल्प किया जा रहा है। महाकुम्भ 2025 में श्रद्धालु इस धरोहर का दीदार कर सकेंगे।”
महाकुम्भ नगर । महाकुम्भ, भारत की सनातनी परम्परा और सांस्कृतिक महापर्व, जनवरी 2025 में प्रयागराज में आयोजित होगा। इसे दिव्य और भव्य स्वरूप देने में प्रदेश की योगी सरकार प्रयत्नशील है। इसी क्रम में प्रयागराज नगर निगम की 150 साल पुरानी धरोहर का संरक्षण कार्य तेजी से चल रहा है।
150 साल पुरानी धरोहर का जीर्णोद्धार:
यह भवन 1865 में संगम नगरी में “ग्रेट नॉर्दर्न” होटल के रूप में बनाया गया था। आज यह भवन प्रयागराज नगर निगम का कार्यालय है। 9 करोड़ रुपये की लागत से इसके जीर्णोद्धार का कार्य नगर निगम करवा रहा है। नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग ने कहा कि यह भवन प्रयागराज की ऐतिहासिक पहचान है। महाकुम्भ से पहले इसका काम पूरा कर इसे नए कलेवर में प्रस्तुत किया जाएगा।
पुरातत्व विभाग से परामर्श:
2020 में एक कमरे की छत गिरने के बाद इसे गिराकर नया बनाने का विचार किया गया। परंतु एएसआई, एमएनआईटी प्रयागराज, और आईआईटी मुंबई की सलाह पर इसे धरोहर घोषित कर संरक्षित करने का निर्णय लिया गया।
ईको फ्रेंडली निर्माण सामग्री का उपयोग:
भवन के जीर्णोद्धार में चूना, सुरखी, बेल गिरि, गुड़, उड़द की दाल, गुगुल, और मेथी का उपयोग हो रहा है। मुंबई की सवानी हेरिटेज यह काम कर रही है। यह प्राकृतिक निर्माण सामग्री भवन को ठंडा रखेगी और पर्यावरण अनुकूल भी है।
भवन का ऐतिहासिक महत्व:
आजादी के पूर्व यह भवन बुद्धिजीवियों की बैठकों का केंद्र था। 1930 में इसे प्रशासनिक भवन बनाया गया। यह भवन कभी प्रयागराज म्यूजियम का हिस्सा भी रहा है। म्यूजियम से जुड़ी वस्तुएं अब भी यहां मौजूद हैं।
महाकुम्भ में बनेगा आकर्षण का केंद्र:
महाकुम्भ 2025 में यह भवन पर्यटकों के लिए तैयार होगा। इसे ‘फसॉड लाइटिंग’ से सजाया जाएगा, जो इसे और भी आकर्षक बनाएगा।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल
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