कसया, कुशीनगर। राजकुमार दीपांगकोर्न का जन्मदिन मंगलवार को थाई मंदिर, कुशीनगर में बौद्ध रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया। थाईलैंड के दसवें सम्राट के पुत्र राजकुमार दीपांगकोर्न के 20वें जन्मोत्सव पर थाई भिक्षुओं ने बुद्ध वंदना कर उनके दीर्घायु और सुखद जीवन की कामना की।
इस विशेष अवसर पर वर्षावास के अंतर्गत संचालित रविवारीय विद्यालय का समापन भी किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत 120 बच्चों को फल, खाद्य सामग्री और स्टेशनरी भेंट कर भिक्षुओं ने उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया। इस धार्मिक आयोजन की अगुवाई थाई मॉनेस्ट्री के प्रमुख भिक्षु डॉ. सोम पोंग ने की।
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भिक्षुओं द्वारा महापरिनिर्वाण मंदिर स्थित बुद्ध की लेटी हुई प्रतिमा का धम्मपाठ और पूजन किया गया। इस दौरान प्रतीकात्मक चीवर चढ़ाया गया और स्तूप की परिक्रमा की गई। पूजा कार्यक्रम में मुकुट बंधन चैत्य और माथा कुंवर मंदिर में भी विशेष पूजन संपन्न हुआ।
थाई परिसर के मुख्य मंदिर में विशेष पूजा अर्चना हुई जिसमें थाई, भारतीय और विदेशी श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर भिक्षु सोन कान, भिक्षु नरोंग, भिक्षु पी. पविन, भिक्षु बुन मा, माता जी कंजा, माता जी ललीदा सहित अनेक वरिष्ठ भिक्षु उपस्थित रहे।
सामाजिक और शैक्षणिक योगदान देने वाले ओमप्रकाश कुशवाहा, अंबिकेश त्रिपाठी, विवेक कुमार गोंड, सूरज यादव, गौतम शर्मा, शिक्षक अमिताभ त्रिपाठी, हरिवंश यादव तथा नंदलाल दूबे की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक गरिमामय बना दिया।
राजकुमार दीपांगकोर्न का जन्मदिन केवल एक शाही अवसर नहीं रहा, बल्कि यह बौद्ध आस्था, सेवा भावना और शांति के संदेश का उत्सव बन गया।