नई दिल्ली। भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने विदेशी दौरों के लिए बेहतर टेस्ट टीम बनाने के लिए रणजी ट्रॉफी के मैचों को दो अलग-अलग पिचों पर खेलने का सुझाव दिया है।
उन्होंने द्विपक्षीय श्रृंखलाओं को और अधिक रोमांचक बनाने के लिए दोनों टीमों के बीच घरेलू और विदेशी सरजमीं के आधार पर लगातार दो श्रृंखलाएं खेलने का सुझाव दिया।
सचिन ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि मैंने रणजी ट्रॉफी में तटस्थ स्थानों (इस सत्र में जिस पर परीक्षण हो रहा है) के बारे में काफी सोच विचार किया।
मेरे पास एक सुझाव है। जब हम ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका जैसे स्थानों पर जाते हैं तो कूकाबुरा गेंदों से खेलते हैं जो शुरू में स्विंग करती हैं। उस युवा रणजी बल्लेबाज के बारे में सोचिए जो भारत में एसजी टेस्ट गेंद से खेलता है और इसके बाद विदेशों में उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि ऐसा करते हैं पहली पारी कूकाबूरा गेंद से घसियाली पिचों पर कराते हैं जिससे सलामी बल्लेबाजों को चुनौती मिलेगी। यहां तक कि गेंदबाजों को मदद मिलेगी। हमारे स्पिनर भी घसियाली पिचों पर कूकाबुरा गेंद से गेंदबाजी सीखेंगे।