लखनऊ । उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ट्रिब्यूनल ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) के सचिव के खिलाफ वारंट जारी किया है। यह वारंट अलकनंदा अपार्टमेंट, गोविंदपुर परियोजना से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई के दौरान जारी किया गया।
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इस मामले में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसे समय पर फ्लैट नहीं मिला और भुगतान की गणना में भारी अनियमितता हुई। रेरा ने पहले भी इस पर आदेश जारी किया था, लेकिन PDA सचिव द्वारा इसका पालन नहीं किया गया। इसके चलते ट्रिब्यूनल ने अब सख्त रुख अपनाते हुए सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।
रेरा ट्रिब्यूनल का कहना है कि ऐसे मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ट्रिब्यूनल का उद्देश्य है कि आम जनता को समय पर घर मिले और बिल्डरों व सरकारी एजेंसियों की जवाबदेही तय हो। इस मामले में रेरा की सख्ती यह दर्शाती है कि अब आवंटी के अधिकारों की रक्षा प्राथमिकता बन चुकी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय अन्य परियोजनाओं के लिए भी एक उदाहरण बनेगा। रेरा का यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
“यदि अधिकारी आदेशों की अनदेखी करेंगे, तो कड़ी कार्रवाई तय है,” — रेरा ट्रिब्यूनल का बयान।
इस आदेश के बाद अब अन्य प्राधिकरण भी रेरा के निर्देशों का पालन करने में अधिक सतर्क हो सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि इससे गोविंदपुर परियोजना के आवंटी को राहत मिलेगी और कार्यों में तेजी आएगी।