“रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, CRR में आधा प्रतिशत की कटौती। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि इससे बैंकों को 1.16 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त लिक्विडिटी मिलेगी।”
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में स्थिरता बनाए रखने का एलान किया। यह लगातार 11वीं बार है जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वर्तमान रेपो रेट 6.5% पर स्थिर है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा:
“देश में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए यह निर्णय लिया गया है। हालांकि, नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में 0.5% की कटौती की गई है, जिससे बैंकों को 1.16 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त लिक्विडिटी उपलब्ध होगी।”
CRR में कमी का असर:
- बैंकों को अतिरिक्त फंड मिलेगा, जिससे वे ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे पाएंगे।
- इससे लघु उद्योग, मध्यम वर्ग, और रियल एस्टेट जैसे सेक्टर्स को लाभ होगा।
- बाजार में नकदी का प्रवाह बढ़ने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है।
आरबीआई की प्राथमिकताएं:
गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक की प्राथमिकता मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखना और आर्थिक वृद्धि को स्थिर बनाए रखना है। उन्होंने संकेत दिया कि निकट भविष्य में भी ब्याज दरों में स्थिरता बनी रह सकती है।
अर्थशास्त्रियों की राय:
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम मौजूदा आर्थिक स्थिति के मद्देनजर सही दिशा में है। इससे बैंकों की ऋण देने की क्षमता में वृद्धि होगी और उपभोक्ता मांग को बढ़ावा मिलेगा।