लेख – मनोज शुक्ल
“उत्तर प्रदेश सरकार सौर और बायो ऊर्जा के माध्यम से अगले तीन वर्षों में राज्य को ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने की योजना बना रही है। जानिए कैसे योगी सरकार के प्रयास एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना साकार करेंगे।”
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा और बायो एनर्जी पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए कई महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का निर्धारण किया है। इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य न केवल प्रदेश में बिजली की मांग को शत प्रतिशत पूरा करना है, बल्कि राज्य को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक मजबूत आधार तैयार करना भी है।
हर घर तक सौर ऊर्जा पहुंचाने की योजना
योगी सरकार का लक्ष्य है कि अगले ढाई से तीन वर्ष में 25 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाए। इस योजना के तहत, अब तक 48 हजार से अधिक घरों में सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। यह योजना न केवल ऊर्जा आपूर्ति को सशक्त करेगी, बल्कि बिजली बिलों में कमी लाते हुए पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहित करेगी। सौर
बायो एनर्जी में प्रगति
यूपी सरकार जैव ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए बायो कम्प्रेस्ड गैस और बायो डीजल की उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर जोर दे रही है। अगले दो वर्षों में बायो कम्प्रेस्ड गैस की क्षमता को 1000 टीपीडी और बायो डीजल की क्षमता को 2000 केएलपीडी तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। यह पहल प्रदूषण कम करने और रोजगार की नई संभावनाएं बढ़ाने में मददगार साबित होगी।
पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास
प्रदेश में बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए योगी सरकार ने नए ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना और पुराने संयंत्रों के उन्नयन की योजना बनाई है। इससे ऊर्जा की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी और औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी।
योगी सरकार के ये प्रयास उत्तर प्रदेश को न केवल सौर और जैव ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्पित हैं, बल्कि इसे अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में स्थापित करेंगे। इन योजनाओं से प्रदेश की आर्थिक वृद्धि और पर्यावरण संरक्षण में सहायता मिलेगी।
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रिपोर्ट – मनोज शुक्ल