नई दिल्ली। मौसम विभाग का अनुमान सच हुआ और फरवरी.. मार्च के दौरान तापमान सामान्य से उंचा रहा तो देश में गेहूं उत्पादन प्रभावित हो सकता है ।
इन दो महीनों का मौसम गेहूं की खेती के लिए बडा महत्वपूर्ण होता है। यह बात यहां भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के एक शीर्ष अधिकारी ने आज कही।
आईसीएआर के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र ने यह भी कहा कि आईसीएआर जलवायु परिवर्तन के कारण अधिक तापमान को सहने की क्षमता वाले गेहूं की नई किस्म को विकसित करने के लिए शोध में तेजी ला रही है. लेकिन फिर भी किसानों तक इसको पहुंचने में कुछेक वर्ष तो लगेंंगे।
गेहूं को तापमान के प्रति बेहद संवेदनशील माना जाता है. हाल ही में मौसम विभाग ने इस वर्ष जाडा कम पडने या कहें जाडा थोडा गर्म रहने की भविष्यवाणी की है।
मुख्य रबी फसल गेहूं की बुवाई देश में अभी भी जारी है. रबी सत्र 2016 में पिछले सप्ताह तक गेहूं की बुवाई 173.93 लाख हेक्टेयर में की गई है जो पूर्व वर्ष की समान अवधि में 152.56 लाख हेक्टेयर में की गई बुवाई से कहीं अधिक है।
महापात्र ने पीटीआई भाषा से कहा, मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुरुप फरवरी -मार्च की महत्ववूर्ण अवधि के दौरान अगर तापमान बढता है तो यह वास्तव में गेहूं की फसल की उपज और कुल उत्पादन को प्रभावित करेगा।