नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल की जेल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को तीन जनवरी 2017 को अपने सांसद पोते दुष्यंत चौटाला की सगाई में शामिल होने के लिए एक दिन की पैरोल दी है।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने 50,000 रुपए के बॉंड पर चौटाला को एक दिन के लिए रिहा करने का आदेश दिया और इनेलो नेता को निर्देश दिया कि वह चार जनवरी को सुबह 11 बजे आत्मसमर्पण कर दें।
न्यायालय ने कहा कि वह दिल्ली सरकार के खिलाफ चौटाला की मुख्य अर्जी पर सुनवाई 17 जनवरी 2017 को करेगा। इस अर्जी में चौटाला ने 14 दिसंबर 2016 के दिल्ली सरकार के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें मेडिकल आधार पर छह महीने के लिए पैरोल मांगने का अनुरोध खारिज कर दिया गया था।
वकील अमित साहनी के जरिए दाखिल की गई अपनी अंतरिम अर्जी में चौटाला ने दो दिन की पैरोल मांगी थी कि ताकि वह अपने पोते के ‘रोका’ और ‘सगाई’ समारोह में शामिल हो सकें।
दिल्ली सरकार ने चौटाला को अंतरिम पैरोल दिए जाने का विरोध करते हुए दलील दी कि चौटाला के बेटे और शिक्षक घोटाले में दोषी अजय चौटाला अपने बेटे दुष्यंत की शादी में शामिल होने के लिए पहले ही पैरोल पर हैं।
बहरहाल, साहनी ने कहा कि पैरोल के नियमों के मुताबिक इस मामले की तरह विशेष परिस्थितियों में एक ही मामले के दो दोषियों को एक ही साथ राहत दी जा सकती है।
चौटाला ने अपनी मुख्य अर्जी में कहा है कि दिल्ली सरकार का 14 दिसंबर का फैसला ‘‘मनमाने आधारों पर बेहद अनुचित तरीके से” किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला, उनके बेटे अजय सिंह चौटाला और तीन अन्य शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में 10 साल जेल की सजा काट रहे हैं। हाल ही में एक अदालत ने अजय चौटाला को अपने बेटे की शादी में शिरकत करने की इजाजत दी थी।