नई दिल्ली। विद्युत क्षेत्र की प्रमुख कंपनी टोरेंट पावर ने आज कहा कि उसने वर्ष 2030 तक 10 गीगावाट की नवीकरणीय परियोजनाओं की स्थापना के लिए 57 हजार करोड़ रुपये और प्रति वर्ष एक लाख किलो टन हरित अमोनिया उत्पादन सुविधा की स्थापना के लिए 7200 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता पत्र सरकार को सौंपी है।
कंपनी ने सोमवार को गुजरात के गांधीनगर में आयोजित चौथे ‘आरई-इंवेस्ट’ संस्करण में केंद्र सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय को दो ‘शपथ पत्र’ सौंपे। इन प्रतिबद्धताओं के तहत कंपनी ने गुजरात के द्वारका जिले में पांच गीगावाट सौर, पवन या सौर-पवन हाइब्रिड परियोजना को लागू करने के लिए गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
टोरेंट पावर ने बयान जारी कर कहा, “कंपनी ने वर्ष 2030 तक 10 गीगावाट की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लिए 57 हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक ‘शपथ पत्र’ सौंपा है। इस निवेश से लगभग 25 हजार लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होने की उम्मीद है। साथ ही एक लाख किलो टन प्रति वर्ष हरित अमोनिया उत्पादन सुविधा की स्थापना के लिए 7200 करोड़ रुपये के निवेश और लगभग 1000 लोगों के लिए रोजगार सृजन के लिए दूसरा ‘शपथ पत्र’ सौंपा गया है।”
टोरेंट समूह के अध्यक्ष समीर मेहता ने कहा कि दो ‘शपथ पत्रों’ पर हस्ताक्षर करके कंपनी ने हरित और सतत भविष्य के प्रति अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को फिर से पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबद्धता न केवल हरित ऊर्जा समाधान को आगे बढ़ाने के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाती है।