Sunday , April 28 2024
UIDAI ने कहा, भारत ने Aadhaar का इस्तेमाल कर बचाए 90000 करोड़ रुपये

UIDAI ने कहा, भारत ने Aadhaar का इस्तेमाल कर बचाए 90000 करोड़ रुपये

यूआईडीएआई के अध्यक्ष जे. सत्यनारायण ने बुधवार (11 जुलाई) को कहा कि भारत ने आधार को उपयोग में लाकर अब तक 90,000 करोड़ रुपये बचा लिए हैं। ‘डिजिटल पहचान’ पर आधारित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उन्होंने कहा कि औसतन लगभग तीन करोड़ लोग आधार का उपयोग प्रतिदिन करते हैं। इसका उपयोग मुख्य रूप से राशन, पेंशन, ग्रामीण रोजगार, छात्रवृत्ति में हुआ है। बुधवार को शुरू हुए तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) ने किया है। सम्मेलन में ‘आधार’ पर विशेष ध्यान दिया गया है।UIDAI ने कहा, भारत ने Aadhaar का इस्तेमाल कर बचाए 90000 करोड़ रुपये

90,000 करोड़ रुपयों से ज्यादा के राजस्व की बचत

सत्यनारायण ने अपने मुख्य संबोधन में कहा कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विभाग, खाद्य एवं लोक वितरण, ग्रामीण विकास और अन्य विभागों ने 90,000 करोड़ रुपयों से ज्यादा के राजस्व की बचत या आय की है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि शासन तंत्र प्रौद्योगिकी के साथ लगातार प्रगति कर रहा है और इससे देश ‘अदृश्य शासन’ की परिकल्पना की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कुछ क्षेत्रों में शोध कराने की जरूरत पर जोर दिया।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करने के लिए शोध की जरूरत

उन्होंने कहा, “हमें अधिक कुशल बायोमेट्रिक तंत्र, आधार ईको तंत्र, नामांकन प्रक्रिया में सुधार, अपडेशन और प्रमाणीकरण, कम नेटवर्क वाले क्षेत्रों में कार्यान्वयन और धोखाधड़ी का पता लगाने और उसकी रोकथाम के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता तथा मशीन लर्निंग का उपयोग करने के लिए शोध करने की जरूरत होगी।”

भारत और विदेश के लगभग 150 शोधकर्ता कार्यक्रम में

सम्मेलन का उद्देश्य आईएसबी में ‘डिजिटल आइडेंटिटी रिसर्च इनीशिएटिव’ (डीरी) द्वारा किए गए शोध कार्यों का प्रदर्शन करना है। डीरी का शोध मुख्य रूप से आधार को ध्यान में रखकर तथा पारिस्थितिकी तंत्र के लाभ और नुकसान का पता लगाने पर निर्भर है। डीरी के कार्यकारी अधिकारी अश्विनी छात्रे ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का विषय तैयार किया। इस सम्मेलन में ‘डिजिटल पहचान’ के भारत और विदेश के लगभग 150 शोधकर्ता भाग ले रहे हैं।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com