लखनऊ। किसी एक पार्टी को क्लियर मेजॉरिटी दे रहे यूपी में सरकार बनाने के लिए 404 में से 202 सीटों की जरूरत है। पिछले चुनावी नतीजों का एनालिसिस करें तो पता चलता है कि 28% से ज्यादा वोट पाने वाली पार्टी की सरकार बनी है।
खास बात ये कि इस बार चुनाव में उतरे सभी दल 300 से ज्यादा सीट जीतने का दावा कर रहे हैं, फिर वो चाहे बीजेपी हो, बीएसपी हो या फिर कांग्रेस-एसपी अलायंस।
2012 के चुनाव में एसपी को 29% वोट मिले थे। इसकी बदौलत पार्टी ने 226 सीटें जीतीं और सरकार बनाई। इसी चुनाव में बीएसपी को 26% वोट मिले थे। उसने 80 सीटों पर जीत हासिल की थी।
2007 के चुनाव में बीएसपी को 30.43% वोट मिले। इस चुनाव में बीएसपी ने 206 सीटें जीती थीं और सरकार बनाई। 25.4% वोट पाने वाली एसपी को 97 सीटें मिली थीं।
2014 में कितना था बीजेपी का वोट शेयर?
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 43.60% वोट मिले। इसकी बदौलत उसने 80 में से 71 लोकसभा सीटें जीतीं। इन नतीजों का विधानसभावार एनालिसिस करने पर पता चलता है कि 328 सीटों पर बीजेपी के कैंडिडेट आगे रहे थे।
कितना नुकसान उठा सकती है बीजेपी?
28% वोट शेयर पर यूपी में सरकार बनती है। इस लिहाज से 2014 में 43% वोट पाने वाली बीजेपी 10-12% तक नुकसान उठा सकती है। इससे कम वोट शेयर पर उसके लिए दौड़ में बने रहना मुश्किल होगा।
15% वोट स्विंग होना मुश्किल
पिछले 15 साल के चुनावी नतीजों का एनालिसिस करने पर पता चलता है कि यूपी में पिछले लगातार दो चुनावों में किसी भी पार्टी के 15% से ज्यादा वोट स्विंग नहीं हुए।
14 साल यूपी में रही हंग असेंबली
14 साल तक यूपी में हंग असेंबली रही। किसी भी दल को साफ बहुमत नहीं मिला। यूपी का ये ढर्रा 2007 से बदला। इसके बाद से अब तक यूपी ने क्लियर मेंडेट दिया है।
जीत का समीकरण: हर सीट जीतने के लिए चाहिए 25-30% वोट
यूपी के पिछले चार चुनावों का एनालिसिस करने पर पता चलता है कि हर सीट को जीतने के लिए 25 से 30% वोट चाहिए।
2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों का विधानसभावार एनालिसिस करें तो बीजेपी ने यूपी की 328 सीटें बड़े अंतर से जीतीं।
403 सीटों में 253 सीटों पर बीजेपी को 40% वोट मिले। 94 सीटों पर 50% से ज्यादा वोट मिले।
अगर बीजेपी लोकसभा चुनाव की 40% से ज्यादा सीटें हार जाए तो सरकार बनाने की रेस से बाहर हो जाएगी। ऐसा तब होगा, जब बीजेपी का 15% वोट दूसरी पार्टी में चला जाए।
दो अपोजिशन पार्टियां एक हो जाएं और बीजेपी के वोट 10% कम हो जाएं, तो भी सरकार बनाने में उसे मुश्किल आएगी।
2014 के चुनाव के एक साल बाद बिहार में बीजेपी हार गई। उसे पिछले चुनाव से 3% वोट कम मिले थे।
एनालिसिस बताता है कि जब केंद्र और राज्य के लगातार चुनाव होते हैं, तो 77% वोटर एक ही पार्टी को वोट करते हैं।
2002 में एसपी ने स्टेट इलेक्शन जीता। 2004 के लोकसभा चुनाव में उसने सबसे ज्यादा 36 सीटें जीतीं।
2007 में बीएसपी ने स्टेट इलेक्शन जीता। 2009 के असेंबली इलेक्शन में बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
2014 के चुनाव में ऐसा नहीं हुआ। 2012 में सरकार बनाने वाली एसपी को 2014 में निराशा हाथ लगी।
2014 में यूपी में बड़ी जीत हासिल करने वाली बीजेपी को 2017 में उल्टे नतीजे मिलते हैं, तो ये उसकी सबसे बड़ी हार कही जाएगी।