हाल ही में एक इंटरव्यू में, डोनाल्ड ट्रंप ने उस कानून को “हास्यास्पद” बताया, जिसके तहत अमेरिका में जन्मे हर व्यक्ति को स्वतः अमेरिकी नागरिकता मिल जाती है। ट्रंप ने संकेत दिया कि 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद वह इस कानून को समाप्त करने के लिए कदम उठाएंगे।
जन्म से नागरिकता का नियम: क्या है?
अमेरिका के संविधान के 14वें संशोधन के तहत, देश में जन्मे हर व्यक्ति को अमेरिकी नागरिकता स्वतः मिल जाती है, फिर चाहे उनके माता-पिता किसी भी मूल के हों। यह नियम अमेरिका में जन्मी आबादी को सुरक्षा और अधिकार प्रदान करता है।
ट्रंप की मंशा क्या है?
ट्रंप का कहना है कि वह जन्म से नागरिकता के नियम को समाप्त करना चाहते हैं। उनका तर्क है कि इस नियम से सिस्टम का गलत फायदा उठाया जाता है और अमेरिकी नागरिक बनने के मानक थोड़े सख्त होने चाहिए।
ट्रंप और उनके समर्थक इसे “बर्थ टूरिज्म” (बच्चों के जन्म के लिए पर्यटन) को बढ़ावा देने का एक तरीका मानते हैं, जहां माता-पिता अपने बच्चों के जन्म के लिए अमेरिका का दौरा करते हैं ताकि उन्हें अमेरिकी नागरिकता मिल सके।
नियम बदलने पर क्या चुनौतियां आएंगी?
ट्रंप का यह कदम अमेरिकी संविधान में संशोधन की मांग करेगा, जो कि एक जटिल प्रक्रिया है। इसमें राज्यों और संसद के दोनों सदनों से मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक होगा।
अमेरिकी संविधान को बदलने की प्रक्रिया कठिन होती है, क्योंकि इसमें दोनों सदनों के बहुमत की आवश्यकता होती है और फिर राज्यों की भी सहमति प्राप्त करनी पड़ती है।
भारतीय-अमेरिकियों पर प्रभाव
प्यू रिसर्च के 2022 के विश्लेषण के अनुसार, अमेरिका में करीब 48 लाख भारतीय रह रहे हैं, जिनमें से 16 लाख इस देश में जन्मे हैं। अगर ट्रंप इस कानून को समाप्त कर देते हैं, तो ये 16 लाख भारतीय प्रभावित होंगे और उन्हें अमेरिकी नागरिकता नहीं मिल पाएगी।
ट्रंप का यह कदम उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण वादा बन सकता है, क्योंकि अमेरिकी संविधान को संशोधित करना एक कठिन प्रक्रिया है। इसके लिए उन्हें संसद और राज्यों के सहयोग की आवश्यकता होगी, जो उन्हें इस कठिन मिशन में मदद कर सकते हैं।