“उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायकों ने राज्य की योजनाओं और विकास कार्यों में अपनी भूमिका बढ़ाने की मांग की। इस पर चर्चा के लिए कल अहम बैठक आयोजित होगी।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक और पूर्व एमएलसी राज्य के विकास और जनता की समस्याओं के समाधान में अपनी भूमिका बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर गुरुवार को विधान भवन में एक अहम बैठक आयोजित की गई है। उत्तर प्रदेश संसदीय संस्थान के तत्वावधान में आयोजित यह बैठक संस्थान के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मंत्री डॉ. अम्मार रिजवी की अध्यक्षता में होगी।
बैठक में शामिल होने वाले प्रमुख चेहरों में संस्थान के सचिव और पूर्व एमएलसी हरीश वाजपेयी के साथ बड़ी संख्या में पूर्व विधायक और एमएलसी शामिल होंगे। हरीश वाजपेयी ने कहा कि पूर्व विधायकों का अनुभव जनता की समस्याओं के समाधान और विकास योजनाओं के संचालन में बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।
डॉ. अम्मार रिजवी ने कहा कि बैठक में जिला विकास समितियों और जिला योजना समितियों में पूर्व विधायकों की सहभागिता सुनिश्चित करने पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में करीब 2200 पूर्व विधायक और एमएलसी हैं, जिनमें से कई ने तीन से चार बार विधानसभा का कार्यकाल पूरा किया है। इन अनुभवी जनप्रतिनिधियों का तजुर्बा राज्य के विकास के लिए अमूल्य साबित हो सकता है।
पूर्व विधायकों ने मांग की है कि उन्हें विधान भवन और लोकभवन जाने के लिए एक सहायक के लिए पास उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा, उनकी पेंशन बढ़ाने और राज्य के बड़े सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की सुविधा प्रदान करने पर भी जोर दिया गया है।
डॉ. रिजवी ने यह भी कहा कि वर्तमान विधायकों और एमएलसी की व्यस्तता के कारण कई बार जनता की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाता। ऐसे में पूर्व विधायकों की भागीदारी से इन समस्याओं का समाधान तेजी से किया जा सकता है।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल
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