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अगले 24 घंटे में फिर से बदल सकता है मौसम

यूपी में मौसम का मिजाज: 75 जिलों में ग्रीन अलर्ट, अगले 24 घंटे में फिर से बदल सकता है मौसम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मौसम के लगातार बदलते हालातों के बीच मौसम विभाग ने प्रदेश के 75 जिलों में ग्रीन अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट के तहत बारिश की संभावना कम बताई गई है, लेकिन कुछ जिलों में स्थानीय विक्षोभ के चलते हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 48 घंटे में मानसून फिर से सक्रिय हो सकता है, जो पूर्वांचल के 18-20 जिलों में बारिश कराएगा। हालांकि, 10 अक्टूबर तक मानसून की विदाई की भी संभावना है।

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बांधों में जलस्तर बढ़ा
हाल ही में लौटते मानसून ने प्रदेश के बांधों को भर दिया है। उत्तर प्रदेश में कुल 51 छोटे-बड़े डैम हैं, जिनमें से 38 डैम 50% से ज्यादा भरे हैं और 21 डैम 80 से 100% तक भरे हैं। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष पांच सबसे बड़े डैम की स्थिति बेहतर है, जिसके चलते उनके गेट खोलने की नौबत भी आई है।

बारिश का रिकॉर्ड
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 जून से 30 सितंबर के बीच यूपी में बारिश का कोटा पूरा हो गया है। इस दौरान प्रदेश में कुल 746.2 मिमी बारिश हुई है और मानसून सामान्य रहा है। अक्टूबर में बारिश का आंकड़ा माइनस में है, यानी औसत से कम है। शुक्रवार को यूपी के केवल दो जिलों बलिया और कुशीनगर में बारिश हुई, जबकि 73 जिलों में एक बूंद पानी नहीं गिरा।

जलभराव की समस्या
महराजगंज जिले के कई गांवों में बाढ़ का संकट गहराया हुआ है। सोहगी बरवा क्षेत्र में बाढ़ के चलते 150 से अधिक लोग फंस गए हैं। नेपाल द्वारा छोड़े गए 6 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी के कारण 20 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं। यहां के स्कूल-कॉलेज और सड़कें जलमग्न हैं, जिससे करीब 50,000 लोग प्रभावित हुए हैं।

बाढ़ के प्रभाव
बारिश और बाढ़ से उत्तर प्रदेश के 49 जिले प्रभावित हुए हैं, जिसमें 19 लोगों की जान चली गई है और करीब 4,000 घरों को नुकसान पहुंचा है। गंगा, यमुना, सरयू, शारदा, पांडू, घाघरा, और वरुणा जैसी नदियों के किनारे बसे 23 लाख से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं।

तापमान की स्थिति
हाल के दिनों में कन्नौज, आगरा, भदोही, वाराणसी और मथुरा जैसे शहरों में तापमान 36.8 से 37.9 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है।

पिछले 5 वर्षों का मानसून
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले 5 वर्षों में यूपी में सामान्य मानसून की बारिश नहीं हो रही है। वर्ष 2022 में बारिश का स्तर सामान्य से 36% कम था। इसके परिणामस्वरूप ग्राउंड वाटर लेवल पर भी असर पड़ा है।

उत्तर प्रदेश में मौसम की स्थिति और बाढ़ की समस्या लगातार गंभीर बनी हुई है। जहां एक ओर बांधों में जलस्तर बढ़ा है, वहीं दूसरी ओर कई जिलों में जलभराव और बाढ़ के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार, अगले कुछ दिनों में मौसम में और बदलाव आने की संभावना है, जिससे स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।


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