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कूड़े के ढेर पर सियासी जंग: अखिलेश यादव और मंत्री एके शर्मा के बीच तीखी तकरार

कूड़े के ढेर पर सियासी जंग: अखिलेश यादव और मंत्री एके शर्मा के बीच तीखी तकरार

लखनऊ। वाराणसी में कूड़ा-करकट और सफाई व्यवस्था को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के बीच राजनीतिक तकरार बढ़ गई है। इस विवाद की शुरुआत 30 सितंबर को अखिलेश यादव द्वारा वाराणसी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से हुई, जिसमें कुछ गायें कूड़ा खाते हुए दिखाई दे रही थीं। अखिलेश ने इस तस्वीर के साथ तंज कसते हुए लिखा, “यह है देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र का हाल। सड़क को कूड़ा-घर समझने की भूल न की जाए। यह है ‘स्वच्छ भारत’? बनारस क्योटो तो बना नहीं, जो था वो भी रहा नहीं।” उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके इस पोस्ट के बाद जल्द ही वह स्थान साफ कर दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “सरकार तो काम करती नहीं है, विपक्ष ही उससे काम करवा रहा है।”

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मंत्री एके शर्मा का पलटवार
अखिलेश यादव की इस पोस्ट का जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने सपा अध्यक्ष और उनकी मीडिया टीम पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “सपा मुखिया और उनकी मीडिया सेल मक्खी की तरह व्यवहार कर रहे हैं। गंदगी देखते ही उससे चिपक जाते हैं। वाराणसी में एक कूड़ाघर पर तकनीकी कारण से एक दिन कूड़ा उठाने में कुछ देरी हो गई थी। लेकिन, यह भी सच है कि कुछ ही घंटों में उसी दिन कूड़ा उठा लिया गया था।”

मंत्री शर्मा ने यह भी कहा कि अखिलेश यादव द्वारा 27 सितंबर की फोटो को 30 सितंबर को पोस्ट करना उनकी “मानसिक गंदगी” को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा, “अगर अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्री काल में इतनी चिंता की होती, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद हाथ में झाड़ू लेकर काशी की गलियों में नहीं उतरना पड़ता।” शर्मा ने सपा अध्यक्ष की पोस्ट को “सफाई मित्रों और स्वच्छता से जुड़े सभी कर्मियों का अपमान” करार दिया, जो प्रतिदिन कठिन परिस्थितियों में शहर को साफ रखने का काम करते हैं।

सपा का तीखा जवाब
मंत्री एके शर्मा के इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी ने भी तीखा जवाब दिया। सपा के आधिकारिक मीडिया सेल ने ट्वीट किया, “कोई आपके विभाग की कमी, कूड़ा कचरा दिखाएगा, आपके विभाग की खामियां बताएगा, तो आप उसे मक्खी बोलेंगे? आपके सरकार के अधिकतर बड़बोले मंत्रियों की भाषा शैली का सुधार हो चुका है, अपनी आप अब सुधार लीजिए। यहां भाषाई ज्ञान ना दीजिए।”

सियासी तंज और आरोप-प्रत्यारोप
इस बहस में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर व्यक्तिगत आरोप लगाने से भी परहेज नहीं किया। मंत्री एके शर्मा ने सपा नेताओं पर तंज कसते हुए कहा, “तुम्हारी अक्ल का ढक्कन भगवान ने बंद करके ही पृथ्वी पर भेजा है। तुम्हारे में मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट है।” वहीं, सपा की ओर से मंत्री को भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपों में घेरने की कोशिश की गई, जिसमें कहा गया, “नगर विकास विभाग का जिम्मेदार निर्लज्ज नकारा है, शक्ल से भी खच्चर है और अक्ल से बैल बुद्धि है।”

विवाद की पृष्ठभूमि
इस राजनीतिक जंग की पृष्ठभूमि 30 सितंबर को अखिलेश यादव द्वारा वाराणसी में कूड़े के ढेर की तस्वीर पोस्ट करने से बनी थी। अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा था कि बनारस क्योटो नहीं बना, बल्कि जो भी व्यवस्थाएं थीं, वे भी खराब हो चुकी हैं।

मंत्री एके शर्मा ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि तकनीकी कारणों से कूड़ा उठाने में कुछ घंटे की देरी हुई थी, लेकिन यह भी सुनिश्चित किया गया कि उसी दिन सफाई कर दी गई। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच शब्दों की जंग ने जोर पकड़ लिया, जिसमें एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।

कूड़े के ढेर पर शुरू हुई इस सियासी लड़ाई ने अब राजनीतिक तकरार का बड़ा रूप ले लिया है। जहां एक तरफ अखिलेश यादव भाजपा सरकार की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मंत्री एके शर्मा इसे विपक्ष की राजनीति और “मानसिक गंदगी” बता रहे हैं। इस विवाद ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से भाजपा और सपा के बीच तल्खी को उजागर कर दिया है, जिससे आने वाले दिनों में और तीखी बहसें देखने को मिल सकती हैं।


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