लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लद्दाख को बचाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह केवल सीमावर्ती ज़मीन की सुरक्षा नहीं, बल्कि लद्दाख के पश्मीना चरवाहों और उनकी जीविका के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चारागाहों पर धीरे-धीरे दूसरों का कब्जा होता गया, तो इससे लद्दाख की स्थानीय अर्थव्यवस्था को गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि लद्दाख के मुद्दे को एक संवेदनशील सामरिक और आर्थिक-सामाजिक समस्या के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि लद्दाख की परेशानियों की अनदेखी करना देश के लिए चुनौती उत्पन्न करता है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि जब सरकार को बार-बार लद्दाख की समस्याओं की याद दिलानी पड़ती है, तो यह चिंता का विषय है।
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उन्होंने सोनम वांगचुक के लद्दाख के लिए संघर्ष का समर्थन करते हुए कहा कि देश की जनता उनके आंदोलन में हर संभव मदद करेगी। यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी का अहंकार और वसूली की नीति उसे वास्तविकता से दूर कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा का पतनकाल निकट है।
अखिलेश यादव ने जोर देकर कहा कि लद्दाख के मुद्दे को प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए, ताकि स्थानीय समुदाय और उनके संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।