लखनऊ। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए बीज उत्पादन की एक नई रणनीति तैयार की है, जिससे राज्य में उत्पादित बीजों की उपलब्धता बढ़ेगी। इससे न केवल किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज मिलेंगे, बल्कि दूसरे राज्यों से आने वाले बीज पर निर्भरता भी कम होगी।
वर्तमान में प्रदेश की प्रमुख फसलों के लिए करीब 50% बीज दक्षिण भारत के राज्यों से आयात किया जाता है, जिससे सरकार को सालाना लगभग 3000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। योगी सरकार का लक्ष्य स्थानीय स्तर पर बीज उत्पादन को बढ़ावा देना है, जिससे कृषि उपज और गुणवत्ता में सुधार हो सके।
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बीज पार्कों की स्थापना
सरकार ने प्रदेश के नौ कृषि जलवायु क्षेत्रों में पांच बीज पार्क स्थापित करने की योजना बनाई है। ये पार्क पीपीपी मॉडल पर होंगे और हर पार्क का रकबा न्यूनतम 200 हेक्टेयर होगा। इससे सालाना 3000 करोड़ रुपये की बचत और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
उत्पादन में सुधार
उत्तर प्रदेश के पास सर्वाधिक सिंचित भूमि और कृषि योग्य रकबा होने के बावजूद, प्रति हेक्टेयर उपज में राज्य अन्य राज्यों की तुलना में पीछे है। योगी सरकार के इस प्रयास से गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे उपज में 15 से 20% सुधार की संभावना है।
मुख्य बिंदु:
स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण बीजों की उपलब्धता।
दूसरे राज्यों से निर्भरता में कमी।
बीज पार्कों से रोजगार और निवेश का विस्तार।
उपज में सुधार की संभावना।
यह पहल उत्तर प्रदेश को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।