लखनऊ। 18 अक्टूबर: योगी सरकार प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराध और अपराधियों की कमर तोड़ने में जुटी है। यूपी पुलिस ने अब तक 210 बदमाशों को ढेर कर दिया है, जबकि कई अन्य अपराधियों को प्रभावी न्यायालय पैरवी से सजा दिलाई गई है। अभियोजन निदेशालय ने इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो पिछले सरकारों में हाशिये पर था, लेकिन वर्तमान में इसे विशेष महत्व दिया जा रहा है।
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अभियोजन निदेशालय के एडीजी दीपेश जुनेजा ने बताया कि पिछले साढ़े सात वर्षों में 81,196 से अधिक अपराधियों को अदालतों के माध्यम से सजा दिलाई गई है। इनमें:
- 54 को मृत्युदंड
- 3,125 को आजीवन कारावास
- 9,076 को 10 वर्ष से अधिक के कारावास
- 16,941 को 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा मिली है।
पिछले 16 महीनों में ऑपरेशन कन्वेशन के तहत 52,000 से अधिक अपराधियों को सजा दिलाई गई है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भी सख्त कार्रवाई की गई है। अगस्त 2024 तक 28,700 अपराधियों को सजा दिलाई गई, जिनमें:
- 9 को मृत्युदंड
- 1,720 को आजीवन कारावास
- 4,443 को 10 वर्ष से अधिक के कारावास
- 10,393 को 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा मिली है।
पॉक्सो एक्ट के तहत 12,135 अपराधियों को सजा दी गई है, जिनमें:
- 44 को मृत्युदंड
- 1,354 को आजीवन कारावास
- 4,599 को 10 वर्ष से अधिक के कारावास
- 6,138 को 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा मिली है।
प्रदेश के 69 चिह्नित माफिया अपराधियों और उनके गिरोह के खिलाफ 25 मार्च 2022 से 31 अगस्त 2024 तक 42 मामलों में 29 अपराधियों को सजा दिलाई गई। इनमें:
- 1 मामले में मृत्युदंड
- 5 मामलों में आजीवन कारावास
- 7 मामलों में 10 वर्ष से अधिक के कारावास
- 29 मामलों में 10 वर्ष से कम के कारावास की सजा दी गई है।
योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत चल रही ये कार्रवाइयां प्रदेश में अपराध की कमर तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। अभियोजन निदेशालय की प्रभावी पैरवी से न्यायालय में अपराधियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया और अधिक सशक्त हो रही है, जिससे अपराधियों में खौफ बढ़ रहा है।